\Bलिंब सेंटर में पहले से चल रही सुविधा
डॉक्टर के पास जाने से पहले सॉफ्टवेयर पर दर्ज हो रहा मरीजों का आंकड़ा
\BZeeshan.Rayini@timesgroup.com
लखनऊ: केजीएमयू में लिंब सेंटर के बाद लारी कार्डियॉलजी में भी डिजिटल डायग्नॉसिस सुविधा शुरू हो गई है। इसके लिए ओपीडी में एक मशीन लगाई गई है। इससे कई टैबलट जुड़े हैं, जिनके जरिए रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों का ब्योरा फीड करते हैं। फिर मरीज को इसका प्रिंट देते हैं, जिसे लेकर मरीज डॉक्टर के पास जाते हैं। इससे डॉक्टरों को मरीज की सेहत से जुड़ी जानकारी आसानी से मिल जाती है और उन्हें मरीजों को देखने में समय भी कम लगता है।
लारी की ओपीडी में रोजाना करीब 500 मरीज आते हैं। अक्सर सभी को देखने में ओपीडी का समय भी बीत जाता है। दावा है कि नई सुविधा शुरू होने पर अब डॉक्टर कम समय में मरीजों को देख सकेंगे। डॉक्टरों के मुताबिक, पहले मरीज से लक्षण पूछने और बीपी चेक करने में दो से तीन मिनट लग जाते थे। अब यह सब पहले हो जाता है।
फॉलोअप में आसानी
डॉक्टरों का दावा है कि नई सुविधा से फॉलोअप के लिए आने वाले मरीजों का इलाज आसानी से हो सकेगा। मरीज जब दूसरी बार आएगा तो सॉफ्टवेयर पर नाम डालते ही पूरा ब्योरा आ जाएगा।
बोर्डिंग पास का चलन
डॉ. ऋषि सेठी ने बताया कि यह सुविधा प्रयोग के तौर पर शुरू की गई है। कंपनी ने पूरा सिस्टम मुफ्त में लगाया है। अभी रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों का ब्योरा भरते हैं। भविष्य में मरीज खुद मशीन पर अपना ब्योरा भरकर प्रिंट निकाल सकेंगे, जिसका इस्तेमाल ओपीडी बोर्डिंग पास के तौर पर होगा।
एक क्लिक पर रेकॉर्ड
डॉक्टरों के मुताबिक, ओपीडी के बाद वॉर्डों में भी डिजिटल डायग्नॉसिस की सुिवधा शुरू होगी। भर्ती मरीजों की जांच रिपोर्ट सबहित सहित पूरा ब्योरा सॉफ्टवेयर पर अपलोड होगा। इससे डॉक्टर एक क्लिक पर मरीज का रेकॉर्ड देख सकेंगे।