_ स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान घर-घर शौचालय का दावा करने वाले अधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल
_ पार्षदों से शत प्रतिशत खुले में शौच मुक्त वॉर्ड का मांग रहे थे सर्टिफिकेट, मौके पर केवल गड्ढा खोदकर छोड़ दिया
एनबीटी संवाददाता, लखनऊ
खुले में शौच मुक्त अभियान के नाम पर नगर निगम अधिकारियों ने कई वॉर्डों में सिवाय गड्ढा खोदने के कुछ नहीं किया। आलम यह है कि इब्राहिमपुर द्वितीय, रफी अहमद किदवई वॉर्ड, जगदीश चंद्र बोस वॉर्ड और बेगम हजरत महल बजरंगबली वॉर्ड में दावे के मुताबिक शौचालयों का निर्माण तो हुआ नहीं बल्कि कई जगहों पर घरों के सामने ही गड्ढे खोद दिए गए। अब इन गड्ढों में गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं। खासकर छोटे बच्चों वाले परिवारों में इन गड्ढों का डर ज्यादा है।
इब्राहिमपुर द्वितीय निवासी राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनके मकान के ठीक सामने जनवरी में गड्ढा खोदा गया था। इसके बाद नगर निगम के कर्मचारी और गड्ढा खोदवाने वाले अधिकारी नदारद हो गए। पूछने पर हर बार कुछ ही दिनों में काम शुरू होने का आश्वासन दिया जाता रहा। राघव गौतम के मुताबिक क्षेत्र में करीब 10 मकानों के बाहर ऐसे ही गड्ढे खुले हुए हैं लेकिन शौचालय कब बनेगा? इस सवाल का जवाब देने वाला कोई नहीं है। हैवतमऊ मवैया निवासी बबलू ने बताया कि घर में बच्चे हैं। बच्चों को बचाने के लिए अब इन गड्ढों में लकड़ियां भर दी हैं। जगदीश चंद्र बोस वॉर्ड के पार्षद यावर हुसैन रेशू ने आरोप लगाया कि पूरे क्षेत्र में केवल गड्ढे खोदकर नगर निगम, पार्षदों से 'खुले में शौच मुक्त वॉर्ड' का प्रमाणपत्र मांग रहा है। वहीं बेगम हजरत महल बजरंगबली वॉर्ड के पार्षद मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि स्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकारी केंद्र की आई टीम को गुमराह करने के लिए फर्जी तरीके से शौच मुक्त अभियान की तस्वीरें खींच रहे हैं।
दो महीने पहले खोदे गए गड्ढों का निर्माण अब तक पूरा हो जाना चाहिए था। निर्माण के लिए क्षेत्रीय जेई और ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में रिपोर्ट तलब कर संबंधित को नोटिस जारी किया जाएगा।
पंकज भूषण, पर्यावरण अधिकारी
नगर निगम