एनबीटी, लखनऊ: यूपी आवास एवं विकास परिषद के पूर्व मुख्य वास्तुविद नियोजक प्रो़ सुबोध शंकर ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के लगातार दोहन ने धरती के जीवन पर संकट पैदा कर दिया है। विकास की अंधी दौड़ में प्राकृतिक संसाधनों के सरंक्षण पर ध्यान न दिया तो शुद्ध वायु एवं जल मिलना म़ुश्किल हो जाएगा। प्रो. सुबोध रिवर बैंक स्थित इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजिनियर्स द्वारा बुधवार को इंजिनियर्स भवन में विश्व अभियांत्रिकी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने 100 साल पहले ग्लोबल वार्मिंग व जलवायु परिवर्तन की भयावहता से लोगों को चेताया था। गांधी कहा करते थे कि धरती पर सभी प्राणियों के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध हैं। संसाधनों का गलत दोहन धरती के सभी जीवों के लिए घातक साबित होगा। इस मौके पर बंसल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजिनियर्स एंड टेक्नॉलजी के डॉ. रवि प्रकाश वर्मा ने कहा कि हमें ऐसे विकास की जरूरत है, जहां पर्यावरण व समाज पर विपरीत प्रभाव न पड़े। संगठन के संयोजक वीबी सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा चार मार्च को विश्व अभियांत्रिकी दिवस घोषित किया गया है।
'प्राकृतिक संसाधनों का दोहन धरती के लिए संकट'
यूपी आवास एवं विकास परिषद के पूर्व मुख्य वास्तुविद नियोजक प्रो़ सुबोध शंकर ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के लगातार दोहन ने धरती के जीवन पर संकट ...
Navbharat Times 5 Mar 2020, 6:30 am