पुलिस ने किया खुलासा, एआरटीओ ऑफिस से कनेक्शन होने का दावा
फर्जी आरसी की मदद से बेचते थे चुराई गई गाड़ियां, सरगना फरार
चित्र- 4बीआरके02,03,04 पुलिस गिरफ्त मंे आए गिरोह के तीन सदस्य,गैंग के कारनामों की जानकारी देते एसपी वैभव कृष्ण
एनबीटी, बाराबंकी : सहायक परिवहन अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी की मिलीभगत से ऑटोलिफ्टर लूट-चोरी की गाड़ियों का फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) बनवाकर बेच रहा था। पुलिस ने शुक्रवार रात तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर सनसनीखेज खुलासा किया है। आरोपितों के पास से चोरी के पांच वाहन बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार गैंग ने आरसी तैयार करने में इस्तेमाल विशेष कागज आरटीओ ऑफिस से हासिल किया था।
एसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि क्राइम ब्रांच व नगर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को जैदपुर के चांदपुरवा निवासी जगतपाल रावत, मानपुर डेहुआ के राहुल वर्मा और बदोसराय के भवानीपुर निवासी संजय यादव को गिरफ्तार किया। निशानदेही पर चोरी की एक स्कूटी व चार बाइक बरामद की गईं। हालांकि ऑटोलिफ्टर गैंग का सरगना गोकुलपुर निवासी अभिनव दीक्षित नहीं पकड़ा जा सका। वहीं एआरटीओ ने कार्यालय में सारथी साफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू होने के बाद कागज के बाहर जाने की आशंका से इनकार किया है।
फर्जी मुहर व नौ आरसी बरामद
एसपी के अनुसार हत्थे चढ़े आरोपितों के पास से नौ फर्जी आरसी बरामद हुई हैं। इनमें से कुछ पर बाराबंकी व कुछ पर लखनऊ एआरटीओ और आरटीओ की मुहर लगी है। छानबीन में पता चला है कि चारों आरोपित बाराबंकी एआरटीओ ऑफिस में दलाली करते हैं। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि एआरटीओ कार्यालय के बाबू की मदद से आरसी बनाने वाला कागज हासिल करते थे। इसके बाद चुराए गए वाहन का कागज तैयार कर बेच देते थे। आरोपितों के पास से कलर प्रिंटर समेत अन्य सामान भी बरामद हुआ है। पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितनी गाड़ियों को फर्जी आरसी बनाकर बेचा गया। इसके साथ ही कागज मुहैया करवाने वालों का पता लगाया जा रहा है। पकड़ा गया आरोपित राहुल साफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक है।
~5 हजार का पुरस्कार
एसपी वैभव कृष्ण ने गैंग का खुलासा करने वाली टीम को पांच हजार रुपये का पुरस्कार दिया है। टीम में स्वाट प्रभारी रत्नेश सिंह, परशुराम ओझा, मंडी चौकी प्रभारी सुनील कुमार सिंह, बड़ेल प्रभारी संतोष सिंह, रमेश उपाध्याय, मो. शमीम अख्तर, शैलेंद्र सिंह, साजिद खां, रामनयन सिंह, मो. इंदरीश खां शामिल हैं।
बाराबंकी के एआरटीओ कार्यालय में सारथी साफ्टवेयर की मदद से आरसी बनाई जाती है। ऐसे में आरसी का कागज बाहर जाना संभव नहीं है। पहले इस्तेमाल होने वाले कागज के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
- राजेश्वर यादव, एआरटीओ प्रशासन, बाराबंकी