लखनऊ
यूपी की राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर के बाहर लगने वाली फूलों की दुकान सावन के पहले सोमवार पर भी बंद रहीं। ऐसे में करीब 40 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इनमें कई तो लोग मजबरी में दूध बेचने लगे हैं।
मानू कश्यप ने बताया कि उनके परिवार में तीन पीढ़ियों से फूल बेचा जा रहा है। कोरोना काल में सावन के पहले सोमवार पर आजीविका के लिए उन्होंने दूध बेचना शुरू कर दिया। इसी तरह धर्मानंद यादव, विपिन निषाद और इंदल की प्रसाद की दुकानें भी बंद हैं।
इन सभी ने डीएम को पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया है। शिवशंकर, रोहित, बलजीत कुमार, शंकर, माला, धीरेन्द्र प्रताप, पूजा और जगदीश सहित कई दुकानदारों ने मंदिर के बाहर अपनी दुकानें खोलने की अनुमति मांगी है।
यूपी की राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर के बाहर लगने वाली फूलों की दुकान सावन के पहले सोमवार पर भी बंद रहीं। ऐसे में करीब 40 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इनमें कई तो लोग मजबरी में दूध बेचने लगे हैं।
मानू कश्यप ने बताया कि उनके परिवार में तीन पीढ़ियों से फूल बेचा जा रहा है। कोरोना काल में सावन के पहले सोमवार पर आजीविका के लिए उन्होंने दूध बेचना शुरू कर दिया। इसी तरह धर्मानंद यादव, विपिन निषाद और इंदल की प्रसाद की दुकानें भी बंद हैं।
इन सभी ने डीएम को पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया है। शिवशंकर, रोहित, बलजीत कुमार, शंकर, माला, धीरेन्द्र प्रताप, पूजा और जगदीश सहित कई दुकानदारों ने मंदिर के बाहर अपनी दुकानें खोलने की अनुमति मांगी है।