हेल्पलाइन की शुरुआत होती है तो बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लगता है सब ठीक हो जाएगा। सारी कवायद में ब्यूरोक्रेट्स भूल जाते हैं कि योजना को अमलीजामा पहनाने वाला अमला (कॉन्सटेबल से एसआई तक) तो वही है। उसमें बदलाव नहीं हुआ है। इस तबके को जितना संवेदनशील और टेक सेवी बनाएंगे, योजनाएं उतनी ही प्रभावी हो जाएंगी। नेता-मंत्रियों को भी कभी-कभी हेल्पलाइन वाले नंबर मिला लेने चाहिए, परखने के लिए ही सही।
सौरभ सर के ध्यानार्थ
हेल्पलाइन की शुरुआत होती है तो बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लगता है सब ठीक हो जाएगा। सारी कवायद में ब्यूरोक्रेट्स भूल जाते हैं कि योजना को ...
Navbharat Times 6 Dec 2019, 6:30 am