\Bहिमांचल प्रदेश से बीज मंगवाकर नगराम के किसान ने की रोपाई \B
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मो़ मोइन खान, निगोहां
\Bकाली फसलों का राजा कहे जाने वाले नगराम के हसनपुर कनेरी के मजरे मोती का पुरवा गांव के किसान ज्ञानेंद्र कुमार ने इस बार काले धान की रोपाई की है। ज्ञानेंद्र का मानना है कि औषधीय गुणों और पोषक तत्वों की प्रचुरता वाले इस बेशकीमती धान से सेहत के साथ आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। साथ ही किसान का दावा है कि प्रदेश में यह फसल शायद ही कहीं हो।
\Bफसल में नहीं पड़ती खाद\B
किसान ज्ञानेंद्र के मुताबिक उनके पास तीन एकड़ कृषि भूमि है। इसमें उन्होंने एक बीघे में काले धान की रोपाई कर दी है। इसके लिए किसान ने हिमांचल प्रदेश से 2200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बीच मंगवाए और एक बीघे में आठ किलो धान की नर्सरी लगाई है। ज्ञानेंद्र के मुताबिक इस फसल में किसी भी तरह की खाद नही पड़ती। एक बीघे में 10 से 12 कुंटल की पैदावार होती है। फसल से होने वाले काले चावल की कीमत 500 रुपये प्रति किलो है। वहीं, मणिपुर आदि प्रांतों में इसकी कीमत 1800 से 2000 रुपये प्रति किलो है।
\Bसोशल मीडिया से हासिल की जानकारी \B
ज्ञानेंद्र ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया से इसकी जानकारी हासिल की और इसके जरिये ही मणिपुर, राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश आदि जगहों पर संपर्क किया। इसके बाद अलग-अलग प्रांत से काली फसलों के बीज मंगवाकर पिछले दो सालों से खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया काले गेहूं, काला, टमाटर, मूली, लहसुन आदि की फसल वह कर चुके हैं।
\Bबीज प्रमाणीकरण का मामला लटका\B
ज्ञानेंद्र बताते हैं कि गेहूं फसल की पैदावार के बाद उन्होंने बीज प्रमाणीकरण के लिए तहसील से लेकर जिला कृषि अधिकारी के पास गए, लेकिन टैग न होने की बात कहकर टाल दिया गया। फिलहाल, बीज प्रमाणीकरण के लिए मामला तहसील और कृषि विभाग में लटका पड़ा है। वहीं, कृषि अधिकारी आकाश मिश्र का कहना है कि प्रकिया जारी है।
\Bकाले चावल से कम होता है मोटापा\B
कृषि अधिकारी आकाश मिश्र के मुताबिक, काला चावल बाकी सभी चावलों से अधिक लाभदायक है। इसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-बी और आयरन की मात्रा के साथ-साथ ऐंटी ऑक्सिडेंट की मात्रा भी अधिक होती है। इसमें मौजूद ऐंटी ऑक्सिडेंट तत्व त्वचा और आंखों के लिए लाभकारी है। काला चावल मोटापा कम करने में भी लाभदायक है। दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए भी ये सहायक है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं। यह प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा करता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के साथ आंत की बीमारी को भी दूर करते हैं।