लखनऊ
सीएमओ ने राजधानी में झोलाछापों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी पिछले साल अक्टूबर माह में सभी सीएचसी प्रभारियों को सौंपी थी। लेकिन अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण आजतक सूची तैयार नहीं हो पाई है। लिहाजा झोलाछाप सस्ते इलाज का लालच देकर मरीजों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं। पूर्व सीएमओ डॉ. जीएस वाजपेई ने शासन के आदेश पर सभी सीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया था। इस दरम्यान उनका तबादला होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
मलिहाबाद, रहिमाबाद, माल, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, गोसाईंगंज, इटौंजा समेत कई ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप अपना जाल फैला कर मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सस्ते दवाओं का लालच देकर खून, एक्स-रे समेत कई जांचें भी कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
वर्तमान सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा था कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद झोलाछापों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी, समिट समाप्त हुए करीब दो माह बीत गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस लापरवाह रवैये पर डॉ. अग्रवाल सभी प्रभारियों को दो बार नोटिस भी भेज चुके हैं। लेकिन प्रभारियों पर इसका भी असर नहीं हो रहा है। राजधानी में 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 8 बाल महिला अस्पताल हैं। इस बारे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह ने बताया, 'सीएमओ कार्यालय झोलाछापों की सूची क्यों तैयार नहीं हुई इसकी जानकारी सीएमओ से ली जाएगी। विभाग झोलाछापों के खिलाफ जल्द अभियान चलाएगा।'
सीएमओ ने राजधानी में झोलाछापों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी पिछले साल अक्टूबर माह में सभी सीएचसी प्रभारियों को सौंपी थी। लेकिन अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण आजतक सूची तैयार नहीं हो पाई है। लिहाजा झोलाछाप सस्ते इलाज का लालच देकर मरीजों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं। पूर्व सीएमओ डॉ. जीएस वाजपेई ने शासन के आदेश पर सभी सीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया था। इस दरम्यान उनका तबादला होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
मलिहाबाद, रहिमाबाद, माल, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, गोसाईंगंज, इटौंजा समेत कई ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप अपना जाल फैला कर मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सस्ते दवाओं का लालच देकर खून, एक्स-रे समेत कई जांचें भी कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
वर्तमान सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा था कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद झोलाछापों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी, समिट समाप्त हुए करीब दो माह बीत गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस लापरवाह रवैये पर डॉ. अग्रवाल सभी प्रभारियों को दो बार नोटिस भी भेज चुके हैं। लेकिन प्रभारियों पर इसका भी असर नहीं हो रहा है। राजधानी में 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 8 बाल महिला अस्पताल हैं। इस बारे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह ने बताया, 'सीएमओ कार्यालय झोलाछापों की सूची क्यों तैयार नहीं हुई इसकी जानकारी सीएमओ से ली जाएगी। विभाग झोलाछापों के खिलाफ जल्द अभियान चलाएगा।'