पेड़ बचाने के लिए कुछ लोगों ने शुरू की लकड़ी न जलाने की मुहिम
\Bतनिष्का सैनी, लखनऊ : \Bहोलिका दहन के साथ पर्यावरण को बचाने के लिए इस बार लोग गोबर के लट्ठे और उपलों से होलिका दहन की तैयारी में हैं। इसके लिए लट्ठों और उपलों की बुकिंग शुरू हो गई है। इस पहल से न केवल लकड़ी के लिए पेड़ों की कटाई पर अंकुश लगेगा बल्कि प्रदूषण भी कुछ हद तक कम होगा।
मलिहाबाद के नव जागरण समिति के अध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि हर बार होलिका दहन के लिए लकड़ी के इंतजाम करने में लोगों को काफी परेशानी होती है। इससे न केवल पर्यावरण पर असर पड़ता है बल्कि आसपास के अस्थमा के मरीजों को भी लकड़ी के धुएं से परेशानी होती है। इसलिए इस बार लकड़ी की तरह गोबर के लट्ठे बनवाए गए हैं। उसी से होलिका दहन किया जाएगा।
\Bपर्चे बांटकर कर रहे जागरूक\B
नमो इंडिया सेना के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ सैनी ने बताया कि होलिका दहन पर लकड़ियों का इस्तेमाल रोकने के लिए वह पर्चे बांट रहे हैं। जिससे लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक हों और पेड़ों की कटाई पर रोक लग सके।
\Bउपलों के लिए हो रही बुकिंग
\Bकंडे के विक्रेता शीलू यादव ने बताया कि अब तक उनके पास चार जगह से लट्ठे की बुकिंग आई है, जिसमें हर जगह लगभग 500 लट्ठे होलिका दहन के लिए जाने हैं। वहीं, अमानीगंज के विक्रेता देशराज ने बताया कि 6 हजार गोबर के उपलों की भी बुकिंग हुई है।
\B500 कंडों पर "1,000 का खर्च
\Bकंडों के विक्रेता हनीफ खान ने बताया कि होलिका दहन में लगभग 3 कुंतल लकड़ी का इस्तेमाल होता है, जिसका खर्च लगभग 4 हजार रुपये आता है। वहीं, होलिका दहन में 500 कंडों के लट्ठों और उपलों में लगभग 1,000 रुपये का खर्च आएगा।