\Bवर्ल्ड ऐथलेटिक्स डे आज \B
\Bसै.अब्बास रिजवी, लखनऊ:\B लॉकडाउन का पालन करते हुए लखनऊ समेत यूपी के ऐथलीट घरों में रहकर ही कोरोना वायरस को हराने में योगदान दे रहे हैं। हालांकि, उन्हें गुरुवार को वर्ल्ड ऐथलेटिक्स डे और आगामी प्रतियोगिताओं में शिरकत न कर पाने का मलाल भी है। इनमें लखनऊ के धाकड़ निशानेबाज पद्मश्री और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण समेत दो पदक जिताने वाले जीतू राई, एशियन गेम्स में यूपी को स्वर्ण जितने वालीं सुधा सिंह, लगातार चौथे राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पदक दिलाने वाली यूपी की डिस्कस थ्रोअर सीमा पूनिया, अर्जुन अवॉर्ड और जैवलिन थ्रोअर अनु रानी, जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा समेत अन्य ऐथलीट शामिल हैं। एनबीटी से बातचीत में इन दिग्गजों ने कई लॉकडाउन के दौरान होने वाली परेशानियां और अपनी तैयारियों पर चर्चा की।
\B'पिस्टल किंग का ओलिंपिक में स्वर्ण जीतना है मकसद'\B
लखनऊ के नीलमथा के रहने वाले जीतू राई को दुनिया 'पिस्टल किंग' कहती है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनकी प्रैक्टिस नहीं हो पा रही। आगामी प्रतियोगिताएं होंगी या नहीं, किसी को कोई अंदाजा नहीं है। पिस्टल की ट्रेनिंग ऐसी भी नहीं है जिसे घर में या छोटी जगह पर किया जा सके। ऐसे में पिछले डेढ़ महीने से प्रैक्टिस भी छूटी हुई है। बस यही प्रार्थना है कि किसी तरह कोरोना महामारी से सभी को निजात मिले। फिलहाल उनका एक ही मकसद है, ओलिंपिक 2022 में भारत को स्वर्ण जिताएं। जीतू ने लखनऊ स्थित 11जीआर में रहकर शूटिंग के ककहरा सीखा है।
\B'कोरोना को हराकर फिर लगाएंगे स्वर्णिम दौड़'\B
लखनऊ हॉस्टल की पूर्व ऐथलीट रायबरेली की सुधा सिंह ने बताया कि इस सीजन में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। पर कोरोना महामारी ने पानी फेर दिया। फिलहाल वह घर पर हैं पर हौसला कम नहीं हुआ है। कोरोना पर काबू पाते ही वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में एक बार फिर जुट जाएंगी। सुधा ने लखनऊ समेत यूपी और पूरे देशवासियों से अपील की है कि पूरी तरह लॉकडाउन का पालन करें। सुधा ने पिछले साल मुंबई मैराथन का खिताब जीतकर लगातार तीसरी बार जीत की हैट्ट्रिक लगाई थी।
\B'यूपी की बहु को मलाल पर हिम्मत नहीं हारी'\B
यूपी की बहू डिस्कस थ्रोअर सीमा पूनिया ने लगातार चार राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पदक जिताने के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। सीमा ने बताया कि वर्ल्ड ऐथलेटिक्स डे पर घर में रहने पर दुख जरूर है पर इस समय पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में है, ऐसे में पहली फतेह कोरोना पर पाना है। वह वेब और ऑनलाइन के सहारे यूपी समेत देश के अन्य ऐथलीटों को घर पर ही प्रैक्टिस करने और अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त करने के टिप्स भी दे रही हैं।
\Bदेश की नंबर-1 जैवलिन थ्रोअर को भी दुख\B
यूपी की जैवलिन थ्रोअर अनुरानी को भी वर्ल्ड ऐथलेटिक्स डे पर होने वाली प्रतियोगिताओं में शिरकत न कर पाने का मलाल है। वह बताती हैं कि पिछले साल की यादें अब भी ताजा हैं। पूरी उम्मीद है कि देश और दुनिया कोरोना को हराएगी और अगली बार के वर्ल्ड ऐथलेटिक्स डे पर जोश के साथ हिस्सा लेंगी। अनु रानी मौजूदा समय देश की नंबर एक थ्रोअर हैं।
\Bप्रैक्टिस पर लगा ब्रेक\B
जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा की प्रैक्टिस पर भी कोरोना ने ब्रेक लगा दिया है। वह बताते हैं कि घर में रहकर ही वह वर्जिश कर अपने को फिट किए हुए हैं। अन्य खिलाड़ियों को भी फिट रहने के टिप्स दे रहे हैं। उधर, मेरठ की पारुल चौधरी और तेज तर्रार तीरंदाज चमन सिंह भी गुरुवार को पड़ने वाले वर्ल्ड ऐथलेटक्स डे पर किसी तरह की खेल गतिविधि न होने पर मायूस हैं। चमन आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में भारत को मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण दिलवा चुके हैं।