एटीएस गुजरात ने किया खुलासा, 3 गिरफ्तार
यूपी पुलिस की रंजिश वाली थ्योरी गलत साबित
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के पीछे रंजिश की यूपी पुलिस की थ्योरी गलत साबित हुई। गुजरात एटीएस ने हत्या में शामिल तीन साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर खुलासा किया है कि वर्ष 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान के कारण कट्टरपंथी युवकों ने उनकी हत्या की है। हत्या में कुल छह लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। इनमें से हत्यारोपित अशफाक, मोइनुद्दीन पठान व एक अन्य फरार हैं। तीन अन्य संदिग्धों को गुजरात एटीएस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। इनमें से एक सूरत निवासी गौरव तिवारी है। गौरव ने कुछ दिन पहले कमलेश तिवारी को फोन करके उसके संगठन से जुड़ने की इच्छा जताई थी।
बदल गई डीजीपी की थ्योरी
गुजरात एटीएस के खुलासे के बाद यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय में बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या रेडिकल किलिंग है। उन्होंने कहा कि गुजरात एटीएस ने साड़ी की दुकान में काम करने वाले 24 वर्षीय मौलाना मोहसिन शेख सलीम, जूते की दुकान में काम करने वाले 23 वर्षीय फैजान और दर्जी का काम करने वाले 21 वर्षीय रशीद अहमद पठान को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि मोहसिन ने रशीद को यू ट्यूब पर कमलेश का भड़काऊ बयान वाला विडियो दिखाया था। मौलाना ने रशीद से कहा कि इसे मारने की जरूरत है। इसी के बाद साजिश रची गई।
मिठाई के डिब्बे से मिला क्लू
ओपी सिंह ने बताया कि घटनास्थल से मिले सूरत की मिठाई के दुकान के डिब्बे और कैश मेमो से हत्या के गुजरात कनेक्शन का क्लू मिला। इसके बाद डीजीपी ने गुजरात के डीजीपी से बात की। घटना स्थल से मिली जानकारियां साझा कीं। कैश मेमो में दर्ज तारीख और वक्त के आधार पर गुजरात एटीएस सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो फैजान का पता चला। फैजान को ही मिठाई खरीदने के लिए भेजा गया था। गुजरात एटीएस ने फैजान को पकड़कर पूछताछ शुरू की तो मोहसिन व रशीद के बारे में भी जानकारी मिल गई। गुजरात एटीएस ने छह लोगों को उठाया था, जिनमें से तीन को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इनमें रशीद का भाई भी शामिल है।
अल हिंद का कनेक्शन नहीं
डीजीपी ओपी सिंह का कहना है सोशल मीडिया पर कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले तथाकथित संगठन अल हिंद का वारदात से अब तक कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। गुजरात में पकड़े गए आईएसआईएस के दो संदिग्धों उबेद अहमद मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला का भी वारदात से कोई कनेक्शन साबित नहीं हुआ है। हत्या के पीछे किसी तरह का आतंकी कनेक्शन स्टैबलिश नहीं हुआ है। सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाली महिला के वारदात में शामिल होने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
हत्यारों का यूपी कनेक्शन
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी के हत्यारे गुजरात में रह रहे थे लेकिन उनका यूपी कनेक्शन है। उनसे जुड़े ठिकानों पर पुलिस, एसटीएफ की टीमें छानबीन कर रही हैं। जल्द ही उनको गिरफ्तार किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर लखनऊ पुलिस गुजरात में गिरफ्तार हुए तीनों आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाएगी। यूपी पुलिस की कुछ टीमें शुक्रवार को ही गुजरात रवाना कर दी गई थीं। वहीं बिजनौर में पुलिस मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक से भी पूछताछ कर रही है। इन दोनों को कमलेश के परिवारीजनों ने नामजद करवाया था।
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यह दहशत पैदा करने की शरारत है। मैं खुद मामले की समीक्षा कर रहा हूं। दहशत का माहौल पैदा करने वाले जो भी तत्व होंगे। सख्ती के साथ उनके मंसूबों को कुचल कर रख देंगे। किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा। - योगी आदित्य नाथ, सीएम
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कमलेश की मां भी कह रही है कि सपा सरकार में उन्हें सुरक्षा मिली। योगी सरकार ने तो उन्हें सुरक्षा ही नहीं दी। इन्होंने तो ऐसा ठोकना सिखाया है कि जनता और पुलिस को भी पता नहीं चलता कि कौन क्या-क्या ठोक रहा है।'
अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी
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सपा सरकार में बेटे को जान से मारने की धमकी मिली तब उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। आज योगी सरकार है तो मेरे बेटे की हत्या करवा दी गई। कमलेश का एक स्थानीय भाजपा नेता से विवाद था, केस भी विचाराधीन था।
-कुसुमा तिवारी, कमलेश की मां
फोटो---कैप्शन
महमूदाबाद में करीब 10 घंटे की जद्दोजहद के बाद शनिवार को कमलेश तिवारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। नाराज परिवार को मनाने के लिए मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम व आईजी एसके भगत ने नौ सूत्रीय समझौता पत्र पर दस्तख्वत किए। सीएम रविवार को कमलेश के परिवारीजनों से मुलाकात करेंगे।