लोहिया में नहीं मिल रहा एंटी रैबीज का हाई डोज इंजेक्शन, मरीज परेशान, दवा दुकानों में दो एमएल का एक हाई डोज इंजेक्शन 5200 रुपये में खरीदने को मजबूर
एनबीटी, लखनऊ:
लोहिया अस्पताल में एंटी रैबीज का हाई डोज इंजेक्शन नहीं है। कुत्ते के काटने पर होने वाले गहरे घाव में यह इंजेक्शन लगाया जाता है जिससे रैबीज पर जल्द नियंत्रण हो और मरीज की जान बच सके। लोहिया में यह इंजेक्शन मरीजों से बाहर से लाने को कहा जा रहा है। इससे गरीब मरीजों को परेशानी हो रही है। कई बार हाई डोज इंजेक्शन की जगह पर मरीजों को कम डोज वाली खुराक देकर ही लौटाया जा रहा है। इससे उनकी सेहत पर भी खतरा है।
गोमतीनगर निवासी आलोक कुमार के पिता नरेन्द्र (67) को दो दिन पहले कुत्ते ने काट लिया। परिवारीजन जख्मी को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचे। यहां उन्हें बताया गया कि घाव गहरा है इसलिए हाई डोज एंटी रैबीज इंजेक्शन ही काम करेगा। अस्पताल में यह इंजेक्शन नहीं था तो डॉक्टरों ने इसे बाहर से लाने को कहा।
दुकानों पर 5200 रुपये का है एक इंजेक्शन
आलोक ने बताया कि बाहर यह इंजेक्शन 5200 रुपये का है। उस वक्त आलोक के पास पैसे नहीं थे तो उन्होंने नॉर्मल डोज वाला एंटी रैबीज इंजेक्शन ही अपने पिता को लगवा दिया। आलोक को डॉक्टरों ने बताया कि 15 किलोग्राम वजन तक मरीज को एक इंजेक्शन लगाया जाता है। उससे ज्यादा होने पर अधिक इंजेक्शन लगते हैं। नरेन्द्र का वजह करीब 70 किलोग्राम था। इसलिए उन्हें कम से कम पांच इंजेक्शन लगवाने होंगे। पांच इंजेक्शन की कीमत बाजार में लगभग 25 हजार रुपये है।
कुछ मरीजों को गहरे और कई घाव होने पर एंटी रैबीज का हाई डोज इंजेक्शन या सीरम लगाया जाता है। हाई डोज इंजेक्शन अस्पताल में नहीं आता है। जरूरत पड़ने पर लोकल परचेज करके लगवाया जाता है।
-डॉ एमएल भार्गव, एमएस, लोहिया अस्पताल