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Corona In UP: कोरोना से त्रस्त महाराष्ट्र में लागू हुई 'संचारबंदी', अब यूपी से आ रही पूर्ण लॉकडाउन की आहट

इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद उत्तर प्रदेश में भी लॉकडाउन की संभावना गहराने लगी है। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में जिस तरीके से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, राज्य सरकार को प्रदेश में दो-तीन हफ्ते के लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।

नवभारतटाइम्स.कॉम 14 Apr 2021, 4:00 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम हाई कोर्ट ने दी लॉकडान लगाने की सलाह
हाई कोर्ट ने दी लॉकडान लगाने की सलाह

कोरोना वायरस से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र राज्य में मिनी लॉकडाउन लगाया गया है। मंगलवार को उद्धव ठाकरे सरकार ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि 30 अप्रैल तक अनावश्यक रूप से लोगों को घर से बाहर निकलने की मनाही होगी। इस दौरान प्रदेश में धारा 144 लागू रहेगी। वहीं, महाराष्ट्र के बाद देश के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भी दोबारा लॉकडाउन की आहट सुनाई देने लगी है।

मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को दो-तीन हफ्ते के पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करने की सलाह दी है। कोरोना मामले को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि नाइट या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं। लॉकडाउन लगाना सही नहीं है, लेकिन जिस तरह संक्रमण फैल रहा है, उसे देखते हुए सरकार को ज्यादा संक्रमण वाले शहरों में लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।

लॉकडाउन लगाने के मूड में नहीं सीएम योगी
हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में फिर से लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्हें प्रदेश में लोगों की जान भी बचानी है और अजीविका भी बचाना है। इससे पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी अपने प्रदेश में लॉकडाउन दोबारा न लगाने का ऐलान किया था। लेकिन प्रदेश की परिस्थितियां जब बद से बदतर होती गईं, तब उन्हें इसके सीमित प्रतिबंधों को लेकर इस पर विचार करना पड़ा।

लखनऊ का बुरा हाल
उत्तर प्रदेश में भी धीरे-धीरे स्थिति बदतर होती जा रही है। राजधानी लखनऊ का हाल सबसे ज्यादा बुरा है। वहां हजारों नए मरीज रोजाना सामने आ रहे हैं। श्मशान घाटों पर शवों की लाइनें लगी हैं। लोग बिना मास्क के अभी भी सड़कों पर नजर आ रहे हैं। इसके अलावा हरिद्वार कुंभ में हिस्सा लेने गए लोगों के वापस लौटने पर स्थिति और खराब होने की आशंका है। मुंबई में मिनी लॉकडाउन लगने के बाद वहां गए प्रवासी मजदूर एक बार फिर वापस अपने घर लौट रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में संक्रमण की रफ्तार और तेज होने की आशंका है।

वापस आ रहे प्रवासी मजदूर
मुंबई और सूरत की ओर से आने वाली ट्रेनों में श्रमिकों की भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को भी श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी रहा। पुष्पक एक्सप्रेस, एलटीटी-लखनऊ सुपरफास्ट, कुशीनगर एक्सप्रेस और, एलटीटी स्पेशल, एलटीटी-गोरखपुर सुपरफास्ट सहित कई ट्रेनों में वेटिंग के पैसेंजर कोचों की गैलरी तक सफर करके लखनऊ पहुंचे। तमाम दावों के बावजूद स्टेशनों पर 25 प्रतिशत यात्रियों की भी कोरोना जांच नहीं हो सकी।

इन परिस्थितियों से निपटने के लिए लॉकडाउन की अनिवार्यता से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, माना जा रहा है कि पूर्ण लॉकडाउन नहीं, तो प्रदेश में प्रतिबंधों को और सख्त बनाया जा सकता है। प्रदेश के कई जिलों में पहले से नाईट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन जैसे इंतजाम किए गए हैं।

यूपी में वायरस का रीप्रोडक्शन रेट सबसे ज्यादा
चेन्नै गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन के हवाले से केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और आईएमए एमएस के वीसी डॉ. सूर्यकांत ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कि अध्ययन के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर वायरस की प्रजनन क्षमता 1.32 है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 2.14 पर पहुंच चुकी है। रिप्रॉडक्टिन वैल्यू यानी आर वैल्यू यह बताता है कि एक संक्रमित से कितने लोगों तक वायरस पहुंच रहा है।

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