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कुंडली में 'जेल योग'? मर्जी से लॉकअप में बंद हो रहे लोग

सिर्फ अंडरट्रायल ही लॉकअप में रात नहीं गुजारते हैं अब यूपी में एक नया ट्रेंड देखे को मिल रहा है। लोग खुद अपनी मर्जी से लॉकअप में 24 घंटे गुजारना चाह रहे हैं।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 2 Sep 2018, 10:28 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक चित्र
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सिर्फ अंडरट्रायल ही लॉकअप में रात नहीं गुजारते हैं, अब यूपी में एक नया ट्रेंड देखे को मिल रहा है। लोग खुद अपनी मर्जी से लॉकअप में 24 घंटे गुजारना चाह रहे हैं। वह इसके लिए जिला प्रशासन को प्रार्थनापत्र दे रहे हैं और जिला प्रशासन भी उन्हें लॉकअप में 24 से 48 घंटे गुजारने की सुविधा मुहैया करा रहा है। दअसल, लोग ऐसा अपनी कुंडली में जेल योग को खत्म करने के लिए कर रहे हैं।

ज्योतिष ने बताया था जेल योग
गोमती नगर के रहने वाले व्यवसायी रमेश सिंह ने बताया कि उन्होंने इस साल मई में 24 घंटे लॉकअप में गुजारे। उन्होंने बताया, 'दरअसल मेरे घरवालों ने पंडित को कुंडली दिखाई। उन्होंने कुंडली देखकर बताया कि मेरी कुंडली में जेल योग है। यह योग मुझे भविष्य में समस्या में डाल सकता है। मेरा पूरा परिवार डर गया। बाद में पंडित जी ने मुझे सलाह दी कि अगर मैं कुछ समय जेल में बिना किसी अपराध के बिता लूं तो कुंडली में जेल जाने के योग का असर खत्म हो जाएगा।'

जिला प्रशासन को दिया था आवेदन
रमेश ने जिला प्रशासन को अप्रैल महीने में एक प्रार्थनापत्र दिया। इस प्रार्थनापत्र में उन्होंने जेल जाने की बात लिखी और अपनी कुंडली की एक कॉपी इसके साथ लगाई। उनके पेपर्स चेक करने के बाद जिला प्रशासन ने उन्हें 24 घंटे स्थानीय पुलिस स्टेशन के लॉकअप में बिताने की अनुमति दे दी। इन 24 घंटे रमेश ने किसी कैदी की तरह की बिताए। यहां तक कि उन्हें जेल में जो खाना दिया गया वही खाना भी खाया।

हर साल मिल रहे दो दर्जन प्रार्थनापत्र
लखनऊ के डीएम कौशलराज शर्मा ने कहा, 'मैं खुद भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मेरे ऊपर हमेशा कृपा बनाएं रखें और मुझे सारे पापों से दूर रखें। मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलाएं और मैं कभी कोई अपराध न करूं।' डीएम ने बताया कि उन्हें हर साल लगभग दो दर्जन ऐसे ही प्रार्थना पत्र मिलते हैं। इन प्रार्थनापत्र में लोग आवेदन करते हैं कि उन्हें 24 से 48 घंटे तक जेल में बिताने की अनुमति दी जाए। क्योंकि सिर्फ कोर्ट ही जेल की सजा सुना सकता है इसलिए ऐसे लोगों को हम लॉकअप में रहने की अनुमति दे देते हैं।

कुंडली के सत्यापन के बाद दी जी रही अनुमति
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी भी व्यक्ति को बिना आपराधिक रेकॉर्ड के लॉकअप में रखा जाए लेकिन लोग धार्मिक आधार पर प्रार्थना करते हैं। उनके जेल जाने के उद्देश्य का सत्यापन होता है। उनके द्वारा दिए गए दस्तावेजों और कुंडली भी सत्यापन कराया जाता है।

रमेश की तरह ही अंकित चुतर्वेदी भी जनवरी में जेल गए थे। अंकित ने कहा, 'लॉकअप में मैंने अपनी जिंदगी का महत्वपूर्ण पाठ सीखा। मैं जमीन पर सोया, मैंने वह पानी पिया जो मैं शायद कभी नहीं पीता। वह खाना खाया जो मैं कभी देखना पसंद नहीं करता। 24 घंटे मैंने अपनी हर एक सांस गिनी। आज भी वह दिन याद है कि जब लॉकअप से बाहर आया तो बहन और मां ने कुमकुम लगाकर और आरती करके मेरा स्वागत किया। हम सब लोगों की आंखों में आंसू थे।'

जेल योग के असर को खत्म करने के लिए ज्योतिष दे रहे सलाह
पंडितों का दावा है कि इस तरह की कुंडली के जेल योग को खत्म किया जा सकता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभाग के बिपिन पाण्डेय ने बताया, 'कुंडली में तीन घर होते हैं जो राहु पर असर डालते हैं। पहला है चौथा घर, जिसमें उस व्यक्ति के जेल जाने के योग बनते हैं लेकिन इसमें कोई फिक्स नहीं होता है कि उसे कितने दिन की जेल होगी। यह कुछ घंटे, कुछ दिन, हफ्ते या फिर महीनों हो सकते हैं। अगर राहु आठवें घर में होता है तो व्यक्ति के जेल जाने के योग के साथ मृत्युदंड तक होता है। जब राहु बारहवें घर में होता है तो व्यक्ति के कई बार जेल जाने का योग होता है। जिन लोगों के चौथे या बारहवें घर में राहु होता है, मैं सामान्यतः उन लोगों को जेल का खाना खाने की सलाह देता हूं, ताकि यह योग काटा जा सके।'

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