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ऊटी की वादियों ने लूट लिया दिल

हमारी शादी के कुछ महीने ही हुए थे। मेरे हसबैंड ने मुझे सरप्राइज देने के लिए ऊटी जाने का प्लान पहले ही कर रखा था लेकिन ऑफिस के काम के कारण हम दोनों ...

Navbharat Times 24 Nov 2017, 6:30 am

हमारी शादी के कुछ महीने ही हुए थे। मेरे हसबैंड ने मुझे सरप्राइज देने के लिए ऊटी जाने का प्लान पहले ही कर रखा था लेकिन ऑफिस के काम के कारण हम दोनों ट्रिप पर नहीं जा पा रहे थे। फाइनली उन्हें ऑफिस से छुट्टी मिल गई। 21 जून को हम लखनऊ से हैदराबाद फ्लाइट से पहुंच गए। फिर बस से ऊटी के लिए निकल पड़े। ऊटी घूमने की तो एक्साइटमेंट थी ही और खूबसूरत रास्ते ने एक्साइटमेंट और भी बढ़ा दी। ऊटी पहुंचते ही सबसे पहले हम होटल गए। अगली सुबह हम दोनों फ्रेश होकर ऊटी की सैर पर निकल पड़े।

जन्नत जैसी फीलिंग हुई

हम सबसे पहले ‌बोटैनिकल गार्डन घूमने गए। कहते हैं कि यहां आने वाले टूरिस्टों की पहली पसंद बोटैनिकल गार्डन है। यह गार्डन बहुत खूबसूरत है, यहां कई साउथ मूवीज के गानों की शूटिंग की गई है। गार्डन में फूलों की डेकोरेशन किसी को भी आकर्षित कर लेती है। वहां तरह-तरह के फूलों को इस खूबसूरती से डेकोरेट किया गया है कि मानो फूलों का गुलदस्ता हो। गार्डन का नजारा इतना खूबसूरत था कि वहां से आने का दिल नहीं कर रहा था और लग रहा था हम जन्नत में हैं। फिर सर्द हवाओं में हम दोनों ने मोमो का मजा लिया।

बादल पर थे पांव

फिर अगले दिन हम दोनों डोडाबेट्टा पहाड़ घूमने गए। यह पहाड़ काफी ऊंचाई पर है। इतनी ऊंचाई से ऊटी का नजारा देखने की अलग ही फीलिंग थी। चारों तरफ बादल ही बादल थे। ऐसा लग रहा था कि हमारे पांव बादलों पर हैं। चारों तरफ धुंध ही धुंध थी। वहां हमने दूरबीन से भी ऊटी के नजारे का लुत्फ उठाया। डोडाबेटा पहाड़ पर सेल्फी लेने के लिए सेल्फी पॉइंट बनाया गया हैं, जहां हमने भी सेल्फी ली। घूमने के बाद बहुत जोरों की भूख लग गई। ऐसे में, वहां हमने साउथ इंडियन फूड खाया।

थ्रेड से बने सामान देखे

इसके बाद हम टी फैक्ट्री घूमने गए। हमने जाना कि टी कैसे बनती है। टी-गार्डन में फोटो और सेल्फी लेने के लिए वहां फोटोग्राफर्स भी थे। हमने भी वहां की आउटफिट पहनकर फोटो लिए। फिर वहां से हम थ्रेड से बने सामान देखने गए। वहां थ्रेड से बने काफी आइटम थे। मैंने आइटम्स की खरीदारी भी की।

बड़ों को भी लुभाती है टॉय ट्रेन

अगली सुबह हम दोनों नीलगिरि की पहाड़ी घूमने के लिए सुबह नौ बजे उदगमंडलम स्टेशन पहुंचे। टिकट लेकर हम दोनों टॉय ट्रेन में पहुंचे। नीलगिरि की पहाड़ियों से जब ये ट्रेन गुजर रही थी तो कहीं घने पेड़ थे तो कहीं गहरी खाई। वहां की पहाड़ियों का सौन्दर्य तो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। नीला आसमान, सुहावने मौसम और अपने पार्टनर के साथ बिताए खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में यादों के तौर पर कैद करके हम वापस अपने होटल गए। अगली सुबह हमारी लखनऊ की फ्लाइट थी। हम ऊटी की यादों को दिल में बसाकर वापस लखनऊ को चल दिए।

अनुपम शुभचंद्रा

चिनहट

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