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शराब का ठेका खुलने पर हंगामा, महिला ने किया आत्मदाह का प्रयास

शराब के ठेके को बच्चों की बर्बादी का कारण बताकर एक महिला ने पुलिस के सामने ही अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने का प्रयास किया। इस पर पुलिस ने ठेका बंद करवा दिया और लोगों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत करवाया।

नवभारत टाइम्स 19 Aug 2017, 5:28 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम Sharab
शराब ठेका खुलने का विरोध (सांकेतिक तस्वीर)

आलमबाग इलाके में बंद करवाया गया देशी शराब का ठेका शुक्रवार को फिर खुलने पर महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। ठेका खुलने के विरोध में मोहल्ले के लोग सड़क पर उतर आए और नारेबाजी की। शराब के ठेके को बच्चों की बर्बादी का कारण बताकर एक महिला ने पुलिस के सामने ही अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने का प्रयास किया। इस पर पुलिस ने ठेका बंद करवा दिया और लोगों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत करवाया।

कैलाश पुरी में पारा की रहने वाली आशा जायसवाल का देशी शराब का ठेका है। मोहल्ले वालों के विरोध के चलते सत्ता परिवर्तन के बाद ठेके को बंद करवा दिया गया था। रिहायशी इलाके में चल रहे इस ठेके के विरोध में अधिवक्ता पूनम ने कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। उसके बाद आशा जायसवाल ने कोर्ट में अपील दायर की और डीएम कौशल राज शर्मा को भी प्रार्थना पत्र देकर जांच करवाने की मांग की थी। डीएम की जांच में शराब का ठेका मानकों के अनुरूप पाया गया। उसके बाद आबकारी विभाग ने ठेका खोलने का निर्देश जारी कर दिया था।

आशा जायसवाल ने बताया कि आबकारी विभाग के निर्देश पर वह अपने पति व कुछ कर्मचारियों के साथ शुक्रवार को ठेका खोलने पहुंचीं। शराब का ठेका जैसे ही खोला गया तो अधिवक्ता पूनम मोहल्ले की दर्जनों महिलाओं के साथ वहां आ गईं और हंगामा शुरू कर दिया। शराब का ठेका फिर खुलने की जानकारी होते ही मोहल्ले के सैकड़ों लोग वहां आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारी ठेका खोले जाने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि मोहल्ले में कई मंदिर और स्कूल हैं। इसके अलावा आसपास रहने वालों के बच्चे भी नशेड़ियों की हरकतों से बिगड़ रहे हैं। नशेड़ी रोज महिलाओं पर छींटाकशी करते हैं और उनसे छेड़खानी होती है। हंगामा बढ़ने पर ठेकेदार ने मामले की जानकारी आलमबाग पुलिस को दी।

सीओ आलमबाग संजीव सिन्हा, कोतवाली प्रभारी आशुतोष त्रिपाठी व आबकारी इंस्पेक्टर लक्ष्मी शंकर बाजपेई मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। तभी एक महिला ने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डाल लिया और आग लगाने का प्रयास करने लगी। महिलाओं का हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने फौरन ठेका बंद करवा दिया। सीओ ने आश्वासन दिया कि ठेका बंद करवाने के लिए वह प्रशासन को रिपोर्ट भेजेंगे।

वहीं ठेकेदार आशा जायसवाल का कहना है कि कैलाशपुरी में उनका शराब का ठेका पिछले 17 साल से चल रहा है। इससे पहले कभी कोई बवाल नहीं हुआ। उन्होंने हंगामे को साजिश बताया है।

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