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लखनऊ के चिनहट में 15 वर्षों से दो बेटियों के साथ रहती मिली पाकिस्तानी महिला

वीजा 31 दिसंबर वर्ष 2004 तक वैध था। समय खत्म होने के बावजूद वह पाकिस्तान नहीं लौटीं और अवैध रूप से पति के साथ रहने लगीं। तीनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत चिनहट कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाने के साथ ही एलआईयू को सूचना दे दी गई है।

नवभारत टाइम्स 16 Dec 2019, 10:01 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक छवि
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अपनी दो बेटियों के साथ एक पाकिस्तानी महिला 15 साल से लखनऊ में चिनहट के जुग्गौर में अवैध रूप से रहती पाई गई हैं। एलआईयू का पत्र मिलने के बाद चिनहट पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार चिनहट निवासी नासिर का निकाह 1996 में पाकिस्तान की उजमा से हुआ था। इसके बाद दो बेटियां हुईं। उजमा 2004 में 65 दिन के वीजे पर भारत आईं और चिनहट में पति के साथ रहने लगीं।

चिनहट कोतवाली में तैनात दरोगा संजय कुमार यादव के अनुसार एलआईयू से नासिर की पत्नी और बच्चों के अवैध प्रवास के संबंध में जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की गई। पता चला कि जुग्गौर के सलाल अब्दुल नासिर की पत्नी उजमा पाकिस्तान की नागरिक हैं। मौसी की बेटी उजमा से नासिर का निकाह वर्ष 1996 में हुआ था। इसके बाद दो बेटियां महक और मनाहिल का जन्म हुआ।

2004 तक वैध था वीजा
बड़ी बेटी का जन्म वर्ष 1998 में हुआ था। महिला अपनी दोनों बेटियों के साथ 17 अगस्त वर्ष 2004 में वीजा पर भारत आई थीं। वीजा 31 दिसंबर वर्ष 2004 तक वैध था। समय खत्म होने के बावजूद वह पाकिस्तान नहीं लौटीं और अवैध रूप से पति के साथ रहने लगीं। तीनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत चिनहट कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाने के साथ ही एलआईयू को सूचना दे दी गई है। इंस्पेक्टर चिनहट सचिन कुमार के अनुसार महिला से जानकारी मांगी गई है। महिला का कहना है कि वर्ष 2018 में वीजा बढ़ाने के लिए आवेदन किया था।

वापस भेजा जाएगा
खुफिया विभाग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार अवैध रूप से प्रवास करने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है। इसके बाद दूतावास माध्यम से मूलदेश वापस भेजा जाता है। चिनहट निवासी उजमा का पक्ष सामने आने के बाद ही पुलिस और जांच एजेंसियां आगे की कार्रवाई करेंगी। पता लगाया जाएगा कि कहीं महिला और उनकी बेटियों ने भारत की आईडी तो नहीं बना ली है। अगर बनवा ली है तो कब, कैसे और किसकी मदद से। इसके साथ ही सवाल उठ रहे हैं कि किसी विदेशी के आने और वापस जाने की पूरी जानकारी गृह मंत्रालय के पास रहती है। इसके बावजूद उजमा के मामले में किसी को पंद्रह साल तक भनक कैसे नहीं लगी।

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