\Bबलरामपुर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर-नर्स को पीटा
एनबीटी, लखनऊ
\Bबलरामपुर अस्पताल में बुधवार शाम करीब चार बजे एक महिला मरीज की मौत के बाद परिवारीजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए नर्स व जूनियर डॉक्टर को पीट दिया और तोड़फोड़ भी की। उनका आरोप था कि पहले तो कई घंटे कोई मरीज को देखने नहीं आया। बाद में नर्स ने इंजेक्शन लगाया तो मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और एक घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक, तेलीबाग निवासी रीता देवी (55) को सांस की समस्या थी। रीता के बेटे नवीन ने बताया कि वह मंगलवार शाम चार बजे बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में उन्हें लेकर आया। इमरजेंसी में इलाज के बाद मरीज की तबीयत में सुधार हो रहा था। फिर रात 11:30 बजे स्टाफ ने उन्हें जनरल वॉर्ड-11 में शिक्ट कर दिया। वहां इलाज में लापरवाही की जाने लगे।
नवीन ने आरोप बताया कि बुधवार सुबह से मरीज की तबीयत गंभीर होने लगी। बताने के बावजूद किसी डॉक्टर ने मरीज को नहीं देखा। दोपहर तीन बजे नर्स ने दो इंजेक्शन लगा दिए, लेकिन इसके बाद तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और एक घंटे बाद ही मरीज की मौत हो गई। इससे आक्रोशित तीमारदारों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि तीमारदारों ने जूनियर डॉक्टर नईमा बानो और नर्स अनामिका कश्यप से मारपीट के साथ अस्पताल में तोड़फोड़ भी की। अनामिका के मुताबिक संविदाकर्मियों की हड़ताल की वजह से दो वार्डों में वह अकेले ड्यूटी कर रही थी। उनकी तरफ से कोई गलती नहीं थी फिर भी तीमारदारों ने उन्हें पीटा।
कोट
सभी आरोप गलत हैं। तीमारदारों ने अस्पताल में जो भी तोड़फोड़ की है, इसकी एफआईआर करवाई जाएगी। उनसे क्षतिपूर्ति भी करवाई जाएगी।
डॉ. राजीव लोचन, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल