एनबीटी संवाददाता, लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में अब पीएचडी वाले शिक्षक ही सुपरवाइजर बन सकेंगे। नए ऑर्डिनेंस के मुताबिक सिर्फ वो ही शिक्षक पीएचडी करवा सकेंगे, जिन्होंने पीएचडी कर रखी हो। वहीं विवि में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और हिंदी विभाग समेत कई विभागों में ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने पीएचडी नहीं की है। इसके बाद भी वर्तमान में पीएचडी करवा रहे हैं, लेकिन अब नया कोई भी रजिस्ट्रेशन इनके नाम तब तक नहीं होगा जब तक इनकी खुद की पीएचडी नहीं हो जाती। प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि ऑर्डिनेंस राजभवन भेज दिया गया है, जल्द ही मुहर लगने के बाद पीएचडी के दाखिले शुरू किए जाएंगे।
कॉलेजों के विरोध के बाद हुआ निर्णय
एलयू की ओर से इस बार कॉलेजों पर यह नियम लगाया गया था कि कॉलेजों के वे शिक्षक ही पीएचडी करवा सकेंगे, जिन्होंने खुद पीएचडी कर रखी हो। ऐसे में कॉलेजों के शिक्षकों की ओर से यह मुद्दा उठाया गया था कि एलयू में भी ऐसे कई शिक्षक हैं, जिनकी पीएचडी नहीं है। ऐसे में उन्हें भी इस दायरे से बाहर करें या फिर हमे भी उन्हीं नियमों के अंतर्गत पीएचडी कराने का अधिकार दिया जाए। लुआक्टा ने भी इसका विरोध किया था। इसलिए इस बार पीएचडी का जो ऑर्डिनेंस तैयार किया गया है, उसमें एलयू के उन शिक्षकों को भी पीएचडी कराने का अधिकार नहीं दिया गया है, जिनकी पीएचडी नहीं है। प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि कॉलेजों और एलयू के शिक्षकों को समान अधिकार के तहत पीएचडी का मौका दिया जाएगा।