लखनऊ
लखनऊ में पुलिस रेडियो मुख्यालय में तैनात महिला पुलिसकर्मी ने तबादले के नाम पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला पुलिसकर्मी के नाम से डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को लिखी गई कथित चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। चिट्ठी में डीआईजी स्तर के अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चिट्ठी के वायरल होने के बाद मामले की जांच महिला डीआईजी को सौंपी गई।
सोमवार को पुलिस रेडियो मुख्यालय की एक महिला पुलिसकर्मी का डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के नाम लिखा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पत्र पर 18 अगस्त 2020 की तारीख पड़ी हुई है। पत्र में आरोप है कि पुलिस रेडियो मुख्यालय में नई महिला कर्मियों का शोषण हो रहा है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसकी भर्ती सहायक परिचालक के पद पर हुई थी और वर्तमान में प्रधान परिचालक है।
आरोप है कि पुलिस रेडियो शाखा में महिलाओं के लिए अलग से स्थानांतरण नीति नहीं बनी है। इसका फायदा उठाकर महिला कर्मियों का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। 'यूपी 112' खुलने के बाद से यह शोषण और ज्यादा बढ़ गया है। नई लड़कियों को छांटकर पहले उनकी नियुक्ति 112 में की जाती है और बाद में पुलिस रेडियो मुख्यालय में वापस आने को लेकर सौदेबाजी होती है।
'देह व्यापार करने वाली महिलाओं से भी बदतर हालत'
पत्र में आरोप लगाया गया है कि नई भर्ती महिलाओं को कई कार्यालयों में पेशकार बनाकर रखा गया है। इनसे कभी भी वायरलेस का काम नहीं करवाया गया। पत्र में लिखा है कि हम नई महिला कर्मियों की दशा देह व्यापार करने वाली महिलाओं से भी बदतर है। उसने पत्र में कहा है कि इस वजह से तीन महिला कर्मचारी आत्महत्या भी कर चुकी हैं। शिकायतकर्ता ने डीजीपी से इस मामले की गोपनीय जांच का अनुरोध किया है।
शिकायतकर्ता चिट्ठी लिखने से मुकरी: जांच अधिकारी
महिला पुलिसकर्मी द्वारा लगाए गये इन आरोपों को देखते हुए एडीजी टेलिकॉम सुनील कुमार गुप्ता ने मुख्यालय में तैनात डीआईजी सुनीता शर्मा को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। उधर, डीआईजी सुनीता शर्मा का कहना है कि उन्होंने शिकायतकर्ता को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था। लेकिन जिसके नाम से पत्र लिखा गया, उसने ऐसी कोई चिट्ठी किसी को भेजने की बात से इनकार किया है। डीआईजी सुनीता शर्मा ने बताया कि इसके बाद भी कार्मिक शाखा से 112 में तैनात महिला कर्मचारियेां के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब 120 महिला कर्मचारी हैं।
नूतन ठाकुर ने भी लिखी डीजीपी को चिट्ठीएक्टिविस्ट व आईजी अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने इस मामले में डीजीपी को चिट्ठी लिखकर मामले की गोपनीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि निश्चित स्थानांतरण नीति नहीं होने के कारण युवा महिलाकर्मियों को यूपी-112 में तैनात कर दिया जाता है और उन्हें वापस पोस्टिंग के लिए गलत सौदेबाज़ी की जाती है। शिकायत के अनुसार कुछ वरिष्ठ महिलाकर्मी इस काम में शामिल हैं और यह सारा काम एक डीआईजी द्वारा किया जा रहा है।
लखनऊ में पुलिस रेडियो मुख्यालय में तैनात महिला पुलिसकर्मी ने तबादले के नाम पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला पुलिसकर्मी के नाम से डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को लिखी गई कथित चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। चिट्ठी में डीआईजी स्तर के अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चिट्ठी के वायरल होने के बाद मामले की जांच महिला डीआईजी को सौंपी गई।
सोमवार को पुलिस रेडियो मुख्यालय की एक महिला पुलिसकर्मी का डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के नाम लिखा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पत्र पर 18 अगस्त 2020 की तारीख पड़ी हुई है। पत्र में आरोप है कि पुलिस रेडियो मुख्यालय में नई महिला कर्मियों का शोषण हो रहा है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसकी भर्ती सहायक परिचालक के पद पर हुई थी और वर्तमान में प्रधान परिचालक है।
आरोप है कि पुलिस रेडियो शाखा में महिलाओं के लिए अलग से स्थानांतरण नीति नहीं बनी है। इसका फायदा उठाकर महिला कर्मियों का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। 'यूपी 112' खुलने के बाद से यह शोषण और ज्यादा बढ़ गया है। नई लड़कियों को छांटकर पहले उनकी नियुक्ति 112 में की जाती है और बाद में पुलिस रेडियो मुख्यालय में वापस आने को लेकर सौदेबाजी होती है।
'देह व्यापार करने वाली महिलाओं से भी बदतर हालत'
पत्र में आरोप लगाया गया है कि नई भर्ती महिलाओं को कई कार्यालयों में पेशकार बनाकर रखा गया है। इनसे कभी भी वायरलेस का काम नहीं करवाया गया। पत्र में लिखा है कि हम नई महिला कर्मियों की दशा देह व्यापार करने वाली महिलाओं से भी बदतर है। उसने पत्र में कहा है कि इस वजह से तीन महिला कर्मचारी आत्महत्या भी कर चुकी हैं। शिकायतकर्ता ने डीजीपी से इस मामले की गोपनीय जांच का अनुरोध किया है।
शिकायतकर्ता चिट्ठी लिखने से मुकरी: जांच अधिकारी
महिला पुलिसकर्मी द्वारा लगाए गये इन आरोपों को देखते हुए एडीजी टेलिकॉम सुनील कुमार गुप्ता ने मुख्यालय में तैनात डीआईजी सुनीता शर्मा को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। उधर, डीआईजी सुनीता शर्मा का कहना है कि उन्होंने शिकायतकर्ता को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था। लेकिन जिसके नाम से पत्र लिखा गया, उसने ऐसी कोई चिट्ठी किसी को भेजने की बात से इनकार किया है। डीआईजी सुनीता शर्मा ने बताया कि इसके बाद भी कार्मिक शाखा से 112 में तैनात महिला कर्मचारियेां के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब 120 महिला कर्मचारी हैं।
नूतन ठाकुर ने भी लिखी डीजीपी को चिट्ठीएक्टिविस्ट व आईजी अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने इस मामले में डीजीपी को चिट्ठी लिखकर मामले की गोपनीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि निश्चित स्थानांतरण नीति नहीं होने के कारण युवा महिलाकर्मियों को यूपी-112 में तैनात कर दिया जाता है और उन्हें वापस पोस्टिंग के लिए गलत सौदेबाज़ी की जाती है। शिकायत के अनुसार कुछ वरिष्ठ महिलाकर्मी इस काम में शामिल हैं और यह सारा काम एक डीआईजी द्वारा किया जा रहा है।