एनबीटी
फिल्म स्टार संजय दत्त ने बुधवार को काशी में मां नरगिस और पिता सुनील दत्त का श्राद्ध कर उनकी इच्छा पूरी की। दोपहर में तेज धूप और उमस के बीच गंगा घाट पर संजय दत्त ने पिंडदान से लेकर बाकी श्राद्ध कर्म विधि विधान से किया। इसके बाद संजय अपनी नई फिल्म 'भूमि' के प्रमोशन के लिए फिल्म की टीम के साथ सनबीम स्कूल पहुंचे। इससे पहले वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर उतरकर संजय दत्त ब्लैक जगुआर से सबसे पहले गंगा घाट पहुंचे थे। सफेद कुर्त्ता-पैजामा पहने संजय दत्त बिल्कुल सादे लुक में नजर आए। इस दौरान एयरपोर्ट से लेकर घाट और फिल्म के प्रमोशन स्थल तक प्रशंसकों की जबरदस्त भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूट गए।
'पिता की इच्छा थी'
संजय दत्त द्वारा श्राद्ध करने के लिए पहले से ही तैयारी की गई थी। सिद्धिविनायक मंदिर के महंत आचार्य राजेंद्र कुमार शर्मा के साथ आठ कर्मकांडी ब्राह्मणों ने श्राद्ध की सारी प्रक्रिया को पूरी कराया। इसमें करीब आधे घंटे का समय लगा। इस दौरान फिल्म 'भूमि' में संजय की बेटी बनी एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी संजय के पीछे बैठी नजर आईं। इस मौके पर फिल्म यूनिट के लोग भी साथ रहे। पिंडदान करने के बाद संजय ने बताया कि पिता सुनील दत्त ने कहा था कि मेरा पिंडदान जरूर करना। पिता की इस इच्छा को वह पूरी करना चाहते थे। काशी आने का मौका मिलने पर उन्होंने इस इच्छा को पूरा भी कर दिया।
ब्लैक जगुआर से पहुंचे
श्राद्ध कर्म के बाद संजय को काशी विश्वनाथ मंदिर और कालभैरव में दर्शन करना था, लेकिन प्रशंसकों की भीड़ के कारण अंतिम समय में कार्यक्रम बदल दिया गया। गंगा घाट से वह सीधे फिल्म 'भूमि' के प्रमोशन के लिए सनबीम स्कूल चले गए। इस दौरान उनके साथ फिल्म के निदेशक ओमंग कुार, एक्ट्रेस अदिति राव, शेखर सुमन और पाखी हेगड़े भी रहीं।
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शेखर सुमन व पाखी ने देखी गंगा आरती
फिल्म भूमि के प्रमोशन के लिए अभिनेता शेखर सुमन व भोजपुरी स्टार पाखी हेगड़े मंगलवार को ही काशी पहुंच गए थे। उन्होंने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की महाआरती देखने के साथ फैंस के साथ फोटो भी खिंचवाई। दोनों ने नाव से घूमकर भी घाटों की खूबसूरती को निहारा।