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यूपी: धर्मांतरण के लिए शादी की तो 7 साल की जेल!, आयोग ने दिया प्रस्ताव

आयोग का मानना है कि मौजूदा कानून धर्मांतरण को रोकने में पर्याप्त नहीं है, इसलिए यूपी में नया कानून बनाया जाना चाहिए। इस कानून के दायरे में छल-कपट, लालच, पैसे देकर किया गया धर्मांतरण और धर्मांतरण के लिए किए गए विवाह भी आएंगे।

नवभारत टाइम्स 21 Nov 2019, 11:34 pm
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

योगी सरकार ने अगर उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के प्रस्ताव को माना तो धर्मांतरण के लिए शादी करने पर सात साल की सजा हो सकती है। यही नहीं धर्मांतरण के लिए की गई शादी को भी फैमिली कोर्ट अवैध घोषित कर सकता है।

राज्य विधि आयोग ने ऐसी ही सिफारिशें करते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उत्तर प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2019 का ड्राफ्ट सौंपा है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन. मित्तल और सचिव सपना त्रिपाठी खुद ड्राफ्ट सौंपने सीएम आवास गए थे।

आयोग का मानना है कि मौजूदा कानून धर्मांतरण को रोकने में पर्याप्त नहीं है, इसलिए यूपी में नया कानून बनाया जाना चाहिए। इस कानून के दायरे में छल-कपट, लालच, पैसे देकर किया गया धर्मांतरण और धर्मांतरण के लिए किए गए विवाह भी आएंगे।

ड्राफ्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जबरन धर्मांतरण को प्रतिबंधित करने के विशेष कानून बनाए गए हैं। यूपी को भी इस पर आगे की कार्यवाही करनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक सरकार इस पर विधिक सलाह लेने के बाद आगे बढ़ेगी।

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