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तो यूपी की गायें बछिया ही जनेंगी!

गाय बछड़े को जन्म देगी या बछिया को? इस पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। पालने वाला चाहेगा तो गाय सिर्फ बछिया यानी दुधारू मवेशी को ही जन्म देगी। इससे दुधारू जानवरों की संख्या तो बढ़ेगी ही, साथ ही छुट्टा घूमने वाले मवेशियों की संख्या में भी कमी आएगी। असल ज्यादातर लोग सांड़ या बैल से खेतों में काम लेने के बाद उन्हें छुट्टा छोड़ देते हैं।

नवभारत टाइम्स 1 Nov 2017, 9:18 am
बाराबंकी
नवभारतटाइम्स.कॉम गायों का फाइल फोटो
गायों का फाइल फोटो

गाय बछड़े को जन्म देगी या बछिया को? इस पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। पालने वाला चाहेगा तो गाय सिर्फ बछिया यानी दुधारू मवेशी को ही जन्म देगी। इससे दुधारू जानवरों की संख्या तो बढ़ेगी ही, साथ ही छुट्टा घूमने वाले मवेशियों की संख्या में भी कमी आएगी। असल ज्यादातर लोग सांड़ या बैल से खेतों में काम लेने के बाद उन्हें छुट्टा छोड़ देते हैं।

बाराबंकी, इटावा और लखीमपुर में अमेरिकी संस्था बिल गेट्स और मिलंडा फाउंडेशन की मदद से सेक्स्ड सीमन के जरिए छह गायों का कृत्रिम गर्भाधान करवाया गया। सभी ने बछिया को जन्म दिया। अब पशुधन विकास परिषद ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि पूरे प्रदेश में इस योजना को लागू किया जाए।

जनवरी 2017 में प्रदेश के पशुधन विकास परिषद ने यूपी में अमेरिका की तर्ज पर गायों के कृत्रिम गर्भाधान का फैसला किया। भारत एग्रो इंडस्ट्रीज फाउंडेशन ने बिल व मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन से संपर्क कर सेक्स्ड सीमेन खरीदे। बाराबंकी के टिकैतनगर के आदर्श गौ सेवा संस्थान की साहीवाल गाय का 20 जनवरी 2017 इसके जरिए कृत्रिम गर्भाधान करवाया।

इस गाय ने 27अक्टूबर को बछिया को जन्म दिया। इससे पहले 3 फरवरी को एक अन्य गाय का कृत्रिम गर्भाधान करवाया गया। उसने 29 सितंबर को बछिया को जन्म दिया पर वह प्रिमेच्योर होने के कारण तीन दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। लखीमपुर व इटावा में भी चार गायों पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। चारों ने बछिया को ही जन्म दिया।

40 प्रतिशत तक सफलता

बाराबंकी के पूरेडलई के पशु चिकित्साधिकारी डॉ नीरज गुप्ता ने बताया कि सेक्स्ड सीमेन से गर्भाधान के नतीजे कम आने की आशंका थी। लेकिन पायलट प्रॉजेक्ट में 40 फीसद नतीजे सकारात्मक मिले। सफलता का इतना ही प्रतिशत कृत्रिम गर्भाधान के सामान्य मामलों में भी है।

ऐसे तैयार होता है सेक्सड सीमन

सेक्सड सीमन एक विशेष प्रकार का वीर्य है। गोवंश के नर पशु का वीर्य लेकर लैबॉट्री में उसके गुणसूत्र में इस प्रकार के बदलाव किए जाते हैं कि लिंग विशेष का भ्रूण विकसित हो। दुधारू पशुओं के मामले में सेक्स्ड सीमन को इस हिसाब से विकसित किया जाता है, जिससे मादा भ्रूण ही विकसित हो।

1300 रुपये होगी एक डोज की कीमत
पशुधन विकास परिषद के सीईओ डॉ. वीरभद्र सिंह यादव का कहना है कि पहले चरण में इस तकनीक के निशुल्क इस्तेमाल का सिफारिश की गई है। बाद में पशुपालकों को इसे खरीदना होगा। उन्होंने बताया कि एक सेक्स्ड सीमेन के एक डोज की कीमत 1300 रुपये के आसपास है।

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