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कहीं हैंग हुआ कंप्यूटर तो कहीं ब्लैंक हुई स्क्रीन

-क्लैट में इस बार तकनीकी खामी से जूझे अभ्यर्थी -प्रदेश में 41 तो शहर में 15 केंद्र बनाए गए एनबीटी संवाददाता,लखनऊदेश के लॉ विश्वविद्यालयों में ...

Navbharat Times 14 May 2018, 6:30 am

-क्लैट में इस बार तकनीकी खामी से जूझे अभ्यर्थी

-प्रदेश में 41 तो शहर में 15 केंद्र बनाए गए

एनबीटी संवाददाता,लखनऊ

देश के लॉ विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए रविवार को हुए कॉमन लॉ ऐडमिशन टेस्ट (क्लैट) में इस बार अभ्यर्थियों को तकनीकी खामियों से जूझना पड़ा। परीक्षा ऑनलाइन हुई, जिसमें कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों के कंप्यूटर हैंग हो गए तो कई की स्क्रीन ब्लैंक हो गई। शिकायत के बाद 10 से 15 मिनट में उसे दुरुस्त किया तो परीक्षा शुरू हो पाई। इसके बाद भी तकनीकी दिक्कतें आती रहीं। कई के सवाल बीच-बीच में रुक जाते और आगे ही नहीं बढ़ रहे थे। इसमें अभ्यर्थियों का काफी समय खराब हुआ।

मैथ्स और रीजनिंग आई कठिन

अभ्यर्थियों का कहना है इस बार क्लैट में मैथ्स और रीजनिंग के सवाल काफी कठिन आए। पेपर में कुल 200 सवाल पूछे गए। लीगल एप्टिट्यूट और जीके के 50-50 और इंग्लिश व रीजनिंग के 40-40 सवाल पूछे गए। शेष 20 सवाल मैथ्स से आए। इसमें मैथ्स के कैलकुलेशन काफी मुश्किल रहे। वहीं रीजनिंग भी काफी मुश्किल आई। परीक्षा में एफआईआर का फुल फॉर्म, नीति आयोग का फुल फॉर्म, बॉडी ट्रांसप्लांट एक्ट, सती प्रथा एक्ट, सुप्रीम कोर्ट का मोटो क्या है समेत कई सवाल पूछे गए। क्लैट के एक्सपर्ट संजय कुमार सिंह ने बताया कि पेपर ज्यादा मुश्किल नहीं रहा। मैथ्स और रीजनिंग के 60 सवाल छोड़ दें तो एक तिहाई पेपर आसान था।

एंट्री न देने पर हुआ हंगामा

परीक्षा दोपहर तीन बजे से पांच बजे के बीच हुई, जिसमें केंद्रों पर रिपोर्टिंग डेढ़ बजे से शुरू थी। अभ्यर्थियों के मुताबिक ट्रांसपोर्ट नगर स्थित टेक सल्यूशन स्थित केंद्र पर एंट्री एक घंटा पहले ही बंद कर दी गई। दो बजे के बाद किसी को एंट्री नहीं दी जा रही थी। इस पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ने पर मौके पर पुलिस पहुंची ने मामले को शांत करवाया। साथ ही सभी अभ्यर्थियों की एंट्री भी करवाई।

97 प्रतिशत ने दी परीक्षा

शहर में परीक्षा के लिए कुल 15 केंद्र बनाए गए थे जहां 3260 अभ्यर्थी परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड थे। परीक्षा के को-ऑर्डिनेटर जेडी गंगवार ने बताया कि शहर में लगभग 97 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। वहीं प्रदेश में कुल 41 केंद्र बनाए गए थे जहां 9030 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड थे। प्रदेश में भी लगभग तीन से चार प्रतिशत अभ्यर्थी ही अनुपस्थित पाए गए। कुछ केंद्रों पर तकनीकी खामियां रहीं, लेकिन अभ्यर्थियों के समय का नुकसान नहीं होने दिया गया। उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया।

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