- सपा ने खोले बाहरियों के लिए दरवाजे, बीएसपी के नाराज नेताओं पर निशाना
- पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज और उनके साथियों को पार्टी में शामिल कर दिया संकेत
Manish.Srivastava2@timesgroup.com
लखनऊ : यूपी में सपा और बीएसपी की नजदीकी अब मुश्किलों में फंसती नजर आ रही है। सपा ने बाहरियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं और उसके निशाने पर बीएसपी से नाराज लोग ज्यादा हैं। इसके संकेत गुरुवार को तब दिखायी पड़े जब बीएसपी से नाराज पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज अपने साथ ढेर सारे बीएसपी नेताओं को सपा में ले आए। सपा ने बीएसपी से आए लोगों के लिए बाकायदा पार्टी मुख्यालय पर भव्य समारोह का आयोजन किया। खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समारोह की अध्यक्षता की और मंच से घोषणा की कि सपा के दरवाजे सबके लिए खुले हैं। वह सबको जोड़ने के लिए तैयार हैं।
माया की नाराजगी और बढ़ेगी
पहले से ही सपा से दूरी बनाकर चल रहीं मायावती की नाराजगी अखिलेश यादव के इस कदम से और बढ़ेगी। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने पिछले महीने जब पटना में माया और अखिलेश को एक साथ मंच पर लाने की कोशिश की तो अखिलेश तो तैयार हो गए थे, लेकिन मायावती ने पहले तो संकेत दिए कि वह आएंगी, पर बाद में वह नहीं गईं। उन्होंने साफ कह दिया कि वह कोई मंच तभी साझा करेंगी, जब पहले टिकटों को लेकर बात हो जाए। अब बीएसपी में अघोषित इमरजेंसी की बात कहने और मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाने वाले इंद्रजीत सरोज के सपा में आने से यह नाराजगी और बढ़ेगी।
फूलपुर उपचुनाव पर फोकस
सपा ने बीएसपी नेता इंद्रजीत सरोज को ठीक उसी दिन सपा में शामिल करवाया, जिस दिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लोकसभा से इस्तीफा देकर फूलपुर सीट खाली की। माना जा रहा है कि अब फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को इंद्रजीत सरोज का फायदा मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि अभी पार्टी भले बाल कुमार पटेल को वहां से प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रही है, लेकिन इंद्रजीत सरोज का नाम भी आखिर में फाइनल किया जा सकता है। इंद्रजीत सरोज भले आते कौशाम्बी जिले से हैं, पर उनका इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा सीट पर भी अच्छा प्रभाव है। खासतौर पर पासी और दूसरी दलित जातियों के साथ पिछड़ों को जोड़ने पर उन्होंने बीएसपी में रहकर काफी काम किया है। यही वजह है कि उनके साथ आने वालों में दलितों के साथ पिछड़े वर्ग के कई नेता भी शामिल रहे। अखिलेश यादव फूलपुर उपचुनाव को लेकर ज्यादा संजीदा हैं और उन्होंने यह भी साफ कहा कि वह कुछ ऐसा करेंगे, जिससे फूलपुर में जीत हमारी हो।
हर क्षेत्र से तोड़े बीएसपी नेता
समाजवादी पार्टी ने हर क्षेत्र से बीएसपी के बड़े नेता गुरुवार को शामिल किए। इनमें इलाहाबाद के रहने वाले पूर्व मंत्री हीरामणि पटेल से लेकर लखनऊ के सरोजनीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले शंकरी सिंह भी शामिल थे। इनके अलावा पूर्व विधायक कौशाम्बी आसिफ जाफरी, उन्नाव के पूर्व विधायक राधेलाल रावत, सीतापुर से पूर्व विधायक निर्मल वर्मा, हरदोई के पूर्व विधायक वीरेंद्र वर्मा, रायबरेली के पूर्व विधायक श्याम सुंदर भारती भी सपा में आ गए।
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अब बीएसपी के सारे साथी हमारे साथ आ गए हैं। हम तो सबको जोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन अब इससे सम्बन्ध अच्छे होंगे या खराब? यह सोचने वाली बात है और यह आपको सोचना चाहिए।
- अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सपा