लखनऊ
पिछले दिनों उपजे घटनाक्रमों से चर्चा में आई ब्राह्मण वोटों की सियासत साधने में सपा भी कूद गई है। सपा नेताओं की अगुआई वाले चिरंजीव भगवान परशुराम ट्रस्ट की ओर से लखनऊ में 108 फुट की महर्षि परशुराम की प्रतिमा लगवाई जाएगी। वहीं, सपा प्रबुद्ध सभा की ओर से हर जिले में परशुराम प्रतिमा लगाने का फैसला किया गया है।
सपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्र का कहना है कि प्रतिमा के लिए स्थान तय कर लिया गया है। वह और लंभुआ के सपा से पूर्व विधायक संतोष पांडेय चैन्नै, उड़ीसा, जयपुर सहित कुछ अन्य स्थानों से प्रमुख मूर्तिकारों से मिलकर डिजाइन को अंतिम रूप देने में लगे हैं। उनका कहना है कि प्रतिमा के साथ ही हिंदुत्व पर रिसर्च सेंटर और गुरुकल भी बनाया जाएगा। इसके जरिए प्रदेश के मेधावी गरीब बच्चों को नि:शुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। उनका कहना है कि प्रॉजक्ट के लिए सरकार से अनापत्ति मांगेंगे, नहीं मिली तो कोर्ट जाएंगे। लेकिन, सरकार को साफ करना होगा कि वह क्या परशुराम विरोधी है?
मूर्ति से सधेगी सियासत?
प्रदेश में जातीय क्षत्रपों और महापुरुषों की मूर्तियां लगवा कर वोट साधने की जुगत नई नहीं है। सपा-बसपा सरकार के इन फॉर्म्यूलों पर योगी सरकार भी आगे बढ़ी है। महाराज सुहेलदेव की प्रतिमा लगवाई गई। निषादराज गुह की प्रतिमा प्रस्तावित है। फिलहाल, सपा प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज पांडेय का कहना है कि हर जिले में भगवान परशुराम और कुछ जिलों में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक मंगल पांडेय की प्रतिमा लगवाई जाएगी। परशुराम की नौ और मंगल पांडेय की दो प्रतिमाओं का राजस्थान के दौसा में ऑर्डर भी दिया जा चुका है। उनका कहना है कि निकायों से जमीन मांगेंगे, अगर नहीं मिली तो निजी स्थलों पर आम सहमति से इसे लगवाया जाएगा। पूर्व मंत्री मनोज पांडेय कहते हैं कि सपा हमेशा सामाजिक भागीदारी व सम्मान की पक्षधर रही है। सरकार रहते परशुराम जयंती पर छुट्टी घोषित की गई थी, जिसे भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया। प्रतिमा लगवाने की पीछे कोई राजनीति नहीं है।
कांग्रेस भी कर रही जुगत
कानपुर के बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उपजी प्रतिक्रियाओं में विपक्ष को ब्राह्मण वोट साधने की संभावना दिखने लगी है। मायावती ने ट्वीट कर सरकार पर ब्राह्मणों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस के जितिन प्रसाद ब्राह्मणों से जुड़े मसलों पर खुलकर सक्रिय हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुआई वाला कांग्रेस नेतृत्व भी संदेश में जुटा है। पिछले दिनों गाजीपुर में फौजी ब्राह्मण परिवार की पुलिस द्वारा पिटाई की घटना के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा भी था। इन कवायदों को किनारे करने के लिए सरकार की ओर से राज्यमंत्री आनंदस्वरूप शुक्ला भी ढांढस बंधाने पहुंचे थे।
पिछले दिनों उपजे घटनाक्रमों से चर्चा में आई ब्राह्मण वोटों की सियासत साधने में सपा भी कूद गई है। सपा नेताओं की अगुआई वाले चिरंजीव भगवान परशुराम ट्रस्ट की ओर से लखनऊ में 108 फुट की महर्षि परशुराम की प्रतिमा लगवाई जाएगी। वहीं, सपा प्रबुद्ध सभा की ओर से हर जिले में परशुराम प्रतिमा लगाने का फैसला किया गया है।
सपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्र का कहना है कि प्रतिमा के लिए स्थान तय कर लिया गया है। वह और लंभुआ के सपा से पूर्व विधायक संतोष पांडेय चैन्नै, उड़ीसा, जयपुर सहित कुछ अन्य स्थानों से प्रमुख मूर्तिकारों से मिलकर डिजाइन को अंतिम रूप देने में लगे हैं। उनका कहना है कि प्रतिमा के साथ ही हिंदुत्व पर रिसर्च सेंटर और गुरुकल भी बनाया जाएगा। इसके जरिए प्रदेश के मेधावी गरीब बच्चों को नि:शुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। उनका कहना है कि प्रॉजक्ट के लिए सरकार से अनापत्ति मांगेंगे, नहीं मिली तो कोर्ट जाएंगे। लेकिन, सरकार को साफ करना होगा कि वह क्या परशुराम विरोधी है?
मूर्ति से सधेगी सियासत?
प्रदेश में जातीय क्षत्रपों और महापुरुषों की मूर्तियां लगवा कर वोट साधने की जुगत नई नहीं है। सपा-बसपा सरकार के इन फॉर्म्यूलों पर योगी सरकार भी आगे बढ़ी है। महाराज सुहेलदेव की प्रतिमा लगवाई गई। निषादराज गुह की प्रतिमा प्रस्तावित है। फिलहाल, सपा प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज पांडेय का कहना है कि हर जिले में भगवान परशुराम और कुछ जिलों में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक मंगल पांडेय की प्रतिमा लगवाई जाएगी। परशुराम की नौ और मंगल पांडेय की दो प्रतिमाओं का राजस्थान के दौसा में ऑर्डर भी दिया जा चुका है। उनका कहना है कि निकायों से जमीन मांगेंगे, अगर नहीं मिली तो निजी स्थलों पर आम सहमति से इसे लगवाया जाएगा। पूर्व मंत्री मनोज पांडेय कहते हैं कि सपा हमेशा सामाजिक भागीदारी व सम्मान की पक्षधर रही है। सरकार रहते परशुराम जयंती पर छुट्टी घोषित की गई थी, जिसे भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया। प्रतिमा लगवाने की पीछे कोई राजनीति नहीं है।
कांग्रेस भी कर रही जुगत
कानपुर के बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उपजी प्रतिक्रियाओं में विपक्ष को ब्राह्मण वोट साधने की संभावना दिखने लगी है। मायावती ने ट्वीट कर सरकार पर ब्राह्मणों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस के जितिन प्रसाद ब्राह्मणों से जुड़े मसलों पर खुलकर सक्रिय हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुआई वाला कांग्रेस नेतृत्व भी संदेश में जुटा है। पिछले दिनों गाजीपुर में फौजी ब्राह्मण परिवार की पुलिस द्वारा पिटाई की घटना के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा भी था। इन कवायदों को किनारे करने के लिए सरकार की ओर से राज्यमंत्री आनंदस्वरूप शुक्ला भी ढांढस बंधाने पहुंचे थे।