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Lucknow News: बाबा विश्वनाथ पर अभद्र टिप्पणी करने पर लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र ने प्रोफेसर को जड़ा थप्पड़

7 मई को एक टीवी चैनल पर ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर बहस हो रही थी। इस बहस में लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन भी शामिल थे। कहा कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर को इसलिए ध्वस्त कर दिया, क्योंकि कथिततौर पर वहां व्यभिचार हुआ था।

guest Sandeep-Tiwari | Lipi 18 May 2022, 8:48 pm
संदीप तिवारी, लखनऊ: काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित टिप्पणी करने वाले हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रविकांत चंदन को लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्र कार्तिक पाण्डेय ने थप्पड़ मार दिया। बुधवार को एलयू परिसर में प्रॉक्टर ऑफिस के सामने हुई इस घटना से हड़कंप मच गया। इसके बाद वहां पर काफी ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो गई। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस भी पहुंच गई और कार्तिक को चौकी ले आई। अब दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगा रहें हैं। हालांकि, किसी ने अभी पुलिस को लिखित तहरीर नहीं दी है।
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10 मई को प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज हुई थी FIR
प्रोफेसर के मुताबिक, वह गार्ड के साथ क्लास लेने जा रहे थे, तभी प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर समाजवादी छात्र सभा इकाई का अध्यक्ष कार्तिक पाण्डेय आया और गालियां देते हुए हमला कर दिया। वहीं, आरोपी कार्तिक ने कहा कि वो कैंपस में था। वहां रास्ते में प्रो. रविकांत मिले और भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए गिरेबां पकड़ लिया। इसके बाद उनके साथ के व्यक्ति ने पानी की बॉटल से हमला कर दिया। बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर पर टिप्पणी के बाद से प्रोफेसर रविकांत का विरोध शुरू हुआ। इसके बाद 10 मई को उनके खिलाफ हसनगंज थाने में FIR भी दर्ज हुई।

ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, 7 मई को एक टीवी चैनल पर ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर बहस हो रही थी। इस बहस में लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन भी शामिल थे। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत पट्टाभि सीतारमैया की पुस्तक पंख और पत्थर का हवाला देते हुए कहा कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर को इसलिए ध्वस्त कर दिया, क्योंकि कथिततौर पर वहां व्यभिचार हुआ था।
लेखक के बारे में
विवेक मिश्रा
जन्मस्थली बाराबंकी है और कर्मस्थली तीन राज्य के कई शहर रहे हैं। 2013 में प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत की। मप्र जनसंदेश, पत्रिका, हिंदुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण होते हुए नवभारत टाइम्स के साथ डिजिटल मीडिया में कदम रखा।... और पढ़ें

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