रिजवी का समझौता फॉर्म्युला :
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी द्वारा अयोध्या के विवादित परिसर को लेकर तैयार समझौता प्रस्ताव का मंदिर पक्षकारों ने तो स्वागत किया है, लेकिन मस्जिद पक्षकारों ने इसे सिरे से नकार दिया है। उन्होंने वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए समझौता हलफनामे को कोरा मजाक करार दिया है।
सोमवार को प्रस्ताव सार्वजनिक होने की जानकारी जैसे ही अयोध्या पहुंची यहां इसको लेकर बातचीत का दौर शुरू हो गया। लोगों में कौतुहल रहा कि क्या इस तरह से यह मंदिर-मस्जिद विवाद खत्म हो सकता है? वहीं मंदिर और मस्जिद के पक्षकारों में भी इसको लेकर बातचीत का दौर चल रहा था। विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने भी वसीम रिजवी के फॉर्म्युले की तारीफ की। वह बोले, यही सोच सभी मुसलमानों में व्याप्त होनी चाहिए। अगर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो और मंदिर बनाने में मुस्लिम सहयोग करें तो इससे अच्छी बात क्या होगी? पक्षकार महंत धर्मदास भी वसीम के फॉर्म्युले को सही ठहराते हैं। उनके मुताबिक, भव्य राम मंदिर निर्माण में अगर मुस्लिम सहयोग करते हैं तो उनका स्वागत है। राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ़ रामविलास दास वेदांती भी वसीम रिजवी के फॉर्म्युले को अच्छा बताते हैं। उनके मुताबिक, राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बने और मस्जिद दूसरी जगह, वह भी अमन के नाम से तो इससे अच्छा क्या हो सकता है।
मंदिर पक्षकारों के इतर मस्जिद पक्षकारों में इस फॉर्म्युले को लेकर खासा रोष है। वे इस फॉर्म्युले को बेकार बताते हैं। मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद हाजी महबूब ने रिजवी को क्रिमिनल बताया। वह कहते हैं, इनके ऊपर दर्जनों मुकदमे चल रहे हैं। किसी समय यह आजम खां के पिछलग्गुओं में गिने जाते थे। वह हैं क्या और होते कौन हैं फॉर्म्युला पेश करने वाले। उनकी हैसियत क्या है मंदिर-मस्जिद बनवाने की।