अभी से दिखने लगा असर, कई इलाकों में रोज लग रहे कट
तापमान बढ़ने के कारण 158 मेगावॉट लोड बढ़ने के आसार
प्रवीण राय, लखनऊ
गर्मी बढ़ने के साथ बिजली कटौती भी शुरू हो गई है। पिछले कुछ दिनों से निशातगंज, डालीबाग, राजाजीपुरम और विकासनगर सहित कई इलाकों में रह-रहकर बिजली कट रही है। कई जगह तो घंटों पावर कट लगाए गए, जबकि पारा अभी 40 डिग्री सेल्सियस भी नहीं पहुंचा है। इन सबकी वजह है, लेसा की आधी-अधूरी तैयारी। यही हाल रहा तो गर्मी में लोगों को रोजाना फॉल्ट और बिजली कटौती से जूझना पड़ सकता है।
ट्रॉली ट्रांसफॉर्मर सिर्फ 116
पूरे लखनऊ में 13 हजार ट्रांसफॉर्मर हैं। लेसा के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें औसतन 16 ट्रांसफॉर्मर रोजाना खराब होते है। एक ट्रांसफॉर्मर बनने में पांच से सात दिन लगता है, लेकिन विकल्प के तौर पर 400 केवीए के सिर्फ 116 ट्रॉली ट्रांसफॉर्मर हैं। यानी एक उपकेंद्र पर एक ट्रॉली ट्रांसफॉर्मर। इसके अलावा 25 केवीए के ट्रांसफॉर्मर सबसे अधिक खराब होते हैं, लेकिन इनका कोई विकल्प नहीं है। इस कारण ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफॉर्मर खराब पर सात से दस दिन तक बिजली गुल रहती है।
50% ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड
पुराने शहर के खदरा, चौक, अमीनाबाद और ठाकुरगंज समेत कई इलाकों में 50% फीसदी से अधिक ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड हैं। इन इलाकों में जगह न होने के कारण ट्रांसफॉर्मर नहीं लग पा रहे। इस बार लेसा को सभी इलाकों में कुल करीब 425 ट्रांसफॉर्मर लगाने हैं, लेकिन इंजीनियर अभी 48 ट्रांसफॉर्मर नहीं लगवा पाए हैं। इसके अलावा करीब 50% ट्रांसफॉर्मर में तेल भी नहीं बदला गया है।
20 नए उपकेंद्र की जरूरत
शहर में कुल नौ लाख उपभोक्ता हैं। इतने कनेक्शन तक बिजली सप्लाई के लिए 110 उपकेंद्र हैं। इनके अलावा लेसा ने 20 से अधिक नए उपकेंद्र बनाने के लिए एलडीए और नगर निगम से जमीन की डिमांड की है। एक साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन लेसा और बाकी विभागों के कर्मचारी जमीन नहीं ढूंढ पाए हैं।
दो ट्रांसमिशन से जोड़ने का काम अधूरा
तीन साल पहले लेसा अफसरों ने तय किया था कि हर उपकेंद्र को दो ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ा जाएगा, लेकिन यह काम भी पूरा नहीं हो पाया है। अभी करीब 50 से अधिक उपकेंद्र दो ट्रांसमिशन लाइन से नहीं जुड़े हैं। दो ट्रांसमिशन लाइन से जुड़ने पर एक जगह खराबी आने पर दूसरे से बिजली सप्लाई की जा सकती है, लेकिन करीब पांच लाख उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा।
186 मेगावॉट बढ़ेगा लोड
साल 2016 के आंकड़ों के अनुसार, लेसा में अधिकतम लोड 1400 मेगावॉट था। इस साल तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस कारण अधिकतम लोड 1586 मेगावॉट तक पहुंच सकता है। लेसा के 18 ट्रांसमिशन में 10 शहरी इलाके में है। यहां जमीन की कमी है। इस कारण इन केंद्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए नए ट्रांसफॉर्मर लगाने में दिक्कत आएगी।
100 किमी से अधिक तार पुराने
अभी भी कई इलाकों में 440 केवी के तार पुराने हैं। आंकड़ों अनुसार, करीब 100 किमी एबीसी लाइन नहीं डाली गई है। इस कारण बिजली चोरी करना आसान है। बिजली चोरी के कारण लेसा अधिकारी सही लोड का अंदाजा नहीं लगा पाते। इससे पुराने शहर और ग्रामीण इलाकों में ओवरलोड की समस्या रहती है।