एनबीटी, लखनऊ : अय्याम-ए-अजा के आखिरी दौर में मातमी अंजुमनों की शब्बेदारियों का सिलसिला तेज हो गया है। रकाबगंज स्थित अंजुमन जफरुल ईमान और विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित बजाजा की अंजुमन रौनक-ए-दीन-ए-इस्लाम में शनिवार को शब्बेदारी हुई। मजलिस के बाद नौहाख्वानी व सीनाजनी कर कर्बला के 72 शहीदों को पुरसा दिया गया। इस दौरान अकीदतमंदों ने अलम और दूसरे तबर्रुकात की जियारत भी की।
सआदतगंज स्थित रौज-ए-काजमैन में अय्याम-ए-अजा की आखिरी रातों में उनवान और कर्बला दियानुतदौला में मर्सिया की मजलिसों का आयोजन किया जा रहा है। अंजुमन जफरुल ईमान में मजलिस को मौलाना अली नासिर सईद अबाकाती आगा रूही ने खिताब किया। उधर, काजमैन स्थित इमामबाड़ा कस्र-ए-हसनैन में महिलाओं ने इमामबाड़ा में बर्पा का मातम किया। इसके साथ ही गोलागंज में अजाखाना फिदा हुसैन में मौलाना बाकर मशहदी का बयान हुआ। सोगवार जगराम ने कर्बला वालों का गम मनाने आए अकीदतमंदों को तबर्रुक बांटकर और नज्र-ए-मौला चखाकर सवाब हासिल किया।