- पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने के बाद विधान परिषद की कार्यवाही 27 तक स्थगित
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद विधान परिषद की पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी नेताओं ने पूर्व पीएम को महान राजनेता बताया। कहा कि वह दलीय राजनीति से काफी ऊपर थे। यही वजह है कि सत्ता पक्ष, विपक्ष और पूरे देश को उन पर भरोसा था।
विधान परिषद में नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने शोक प्रस्ताव रखा और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कमी आजीवन खलेगी। अटलजी इतने लोकप्रिय थे कि विरोधी दल के लोग भी उनका सम्मान करते थे। यह बात उनकी अंतिमयात्रा में दिखाई दी। विरोधी दल के नेता भी उनकी अंतिम यात्रा में देखे गए। अटलजी बहुत बड़े दिल के नेता थे। वह कवि, पत्रकार और बड़े राजनेता रहे। उनका जीवन पारदर्शी रहा। नेता विरोधी दल अहमद हसन ने कहा कि अटलजी के निधन से हमारी पूरी पार्टी आहत है। उनके दुःखी परिवार को ईश्वर इस घड़ी में संबल प्रदान करें। हमारे संरक्षक और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस दुःख की घड़ी में साथ हैं। बसपा विधान परिषद दल के नेता दिनेश चंद्रा ने कहा अटलजी ने अपनी सादगी से अनूठा उदाहरण देश की राजनीति में पेश किया। करगिल और पोकरण जेसे बड़े साहसिक निर्णय लिए। नेता कांग्रेस दीपक सिंह ने कहा कि अटलजी दलगत राजनीति से काफी ऊपर थे। वह महान राजनीतिक संत थे। वह ऐसी पाठशाला थे, जिन्हें जीवन में उतारना चाहिए। अपना दल के आशीष सिंह पटेल, शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा, निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल ने भी अटलजी को महान नेता बताकर श्रद्धांजलि दी। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने नेता सदन और सभी दलीय नेताओं की बात से सदन को संबद्ध करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और सदन की कार्यवाही 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।