135वीं जयंती पर विनायक दामोर सावरकर के क्रांतिकारी जीवन को याद किया गया
एनबीटी, लखनऊ : विनायक दामोदर सावरकर की 135वीं जयंती पर उद्यान एवं फल संस्करण विभाग में कार्यक्रम हुआ। वीर सावरकर विचार मंच उत्तर प्रदेश की ओर से आयोजित कार्यक्रम में देशभक्ति गीतों के साथ सावरकर के क्रांतिकारी जीवन को याद किया गया। इस दौरान वीर सावरकर कला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया गया।
मुख्य अतिथि प्रशांत पटेल उमरावल ने कहा कि सावरकर एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने भारत के एक सार के रूप में एक सामूहिक 'हिंदू' पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा था। उन्होंने ही 'दिनांक' शब्द का सृजन किया था। वीर सावरकर विचार मंच के अध्यक्ष डॉ़ अजय दत्त शर्मा ने बताया कि सावरकर एक मात्र ऐसे लेखक थे जिनके द्वारा लिखी गई किताब को ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था। उमरावल ने बताया कि दो-दो बार आजीवन कारावास पाने वाले एकलौते पहले व्यक्ति थे। उनका उद्देश्य नवभारत का निर्माण करना था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से रवि शतेजा, महेश दत्त शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।