-बैंककर्मी ने बचने के लिए रची थी साजिश, पुलिस कर रही तलाश
एनबीटी, लखनऊ
गोमतीनगर में पिकप भवन के सामने रॉन्ग साइड कार दौड़ाकर युवक की मौत का कारण बने बैंककर्मी ने दूसरे युवक को चालक बनाकर गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर करवाना चाहा। जज के सवालों में उलझने पर साजिश का भंडाफोड़ हो गया। कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील पर नाराजगी जताते हुए युवक को पांच घंटे तक कस्टडी में रखा।
इंदिरानगर के तकरोही निवासी ऋषभ शंखधर की बाइक में 8 नवंबर की रात कार सवार ने टक्कर मार दी थी। टक्कर लगने से ऋषभ पिकप भवन के सामने फ्लाईओवर से नीचे गिर गया था। हादसे में मौके पर ही उसकी मौत हो गई और कार चालक मौका पाकर वहां से भाग निकला। दूसरे दिन पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि कार फतेहपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में तैनात कलर्क संदीप कुमार की है। उसकी तलाश में पुलिस ने काफी दबिश दी, लेकिन पता नहीं चला। बुधवार को संदीप के वकील ने चालक के रूप में इमरान नाम के युवक की सरेंडर अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने वाले इंस्पेक्टर विभूतिखंड सत्येंद्र राय को तलब का उनका पक्ष पूछा। सत्येंद्र राय ने कोर्ट में बताया कि संदीप खुद गाड़ी चला रहा था। हादसे के दौरान उसे भी चोट आई थी जिसके निशान शरीर पर मौजूद हैं। इसके बाद जज ने इमरान से एक्सीडेंट से जुड़े कई सवाल पूछे जिसका वह जवाब नहीं दे पाया। इंस्पेक्टर ने बताया कि उनके पास हादसे के वक्त का सीसीटीवी फुटेज मौजूद है जिसमें संदीप साफ दिख रहा है। इसके अलावा ऋषभ को अस्पताल पहुंचाने वाली युवती ने भी संदीप को देखा था जो चश्मदीद के तौर पर गवाही देने को तैयार है। इसपर कोर्ट ने इमरान की सरेंडर अर्जी खारिज कर संदीप को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। वहीं ऋषभ के परिवारीजनों का कहना है कि संदीप ऐशबाग रेलवे कॉलोनी स्थित अपनी ससुराल में रहा रहा है। बावजूद इसके पुलिस उसके न मिलने का बहाना बना रही है।