कई फाइलें गुम होने से पूरी नहीं हुई इंजिनियरों के खिलाफ जांच
एनबीटी संवाददाता, लखनऊ
चारबाग होटल अग्निकांड के बाद अवैध निर्माणों की जांच तेज हो गई है। ऐसी ही कवायद तीन साल पहले भी हुई थी। शासन के निर्देश पर गठित पांच सदस्यीय कमिटी ने अवैध निर्माण में इंजिनियरों की भूमिका की छानबीन शुरू की, लेकिन फाइलें न मिलने से जांच पूरी नहीं हो सकी। लिहाजा, कुछ दिन बाद जांच बंद हो गई और अवैध निर्माण के जिम्मेदार इंजिनियर बच गए। अब एक बार फिर ऐसे जिम्मेदार इंजिनियरों और पहले जारी नोटिसों का ब्योरा खंगालना शुरू कर दिया है।
साल 2015 में शहर में अवैध निर्माण वाले भवनों की दो सूची तैयार की गई थी। पहली सूची में 52 और दूसरी सूची में 48 भवन थे। इन भवनों में अवैध निर्माण सामने आने के बाद नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन एलडीए के तत्कालीन अफसरों ने कार्रवाई नहीं की। इस मामले में एलडीए के एक अफसर की रिपोर्ट का संज्ञान लेकर शासन ने जांच के लिए 20 अगस्त 2015 को पांच सदस्यीय कमिटी गठित की। तत्कालीन अपर आवास आयुक्त आरपी सिंह के नेतृत्व में बनी कमिटी में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी आरके अग्रवाल व एसके श्रीवास्तव समेत पांच लोग शामिल थे।
कमिटि की प्राथमिक जांच में ही कई इंजिनियरों की गर्दन फंसती नजर आ रही थी। कमिटी ने अवैध निर्माण वाली इमारतों की फाइलें खंगालनी शुरू कीं। इस पर तत्कालीन वीसी सत्येंद्र सिंह ने फाइलें कमिटी के सदस्यों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तत्कालीन एई अनूप शर्मा को सौंपी थी। जांच कमिटी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि उस समय जिम्मेदार अफसरों ने जांच में सहयोग नहीं किया। कमिटी को आधी-अधूरी फाइलें ही दी गईं। इस कारण जांच पूरी नहीं हो सकी और इंजिनियर बचने में कामयाब हो गए। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में इंजिनियरों की भूमिका सामने आती तो एलडीए के कई अफसरों की भी गर्दन फंसती। फिलहाल, एलडीए वीसी पीएन सिंह ने उन सभी फाइलों का ब्योरा तलब कर कार्रवाई शुरू करवा दी है, जिन भवन स्वामियों को अवैध निर्माण का नोटिस तो भेजा गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी।
अवैध इमारत सील करने के निर्देश
एलडीए ने विपुल खंड में बन रही अवैध इमारत सील करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय विहित प्राधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि विपुलखंड 6/163 में अनीता रंजन और डॉ. जितेंद्र सिंह नियमों को दरकिनार निर्माम करवा रहे हैं। एलडीए की जांच में सामने आया है कि यहां बेसमेंट को कवर कर निर्माण कार्य करवाया गया है। भूतल और प्रथम तल पर सेट बैक में भी निर्माण हुआ है।