ब्रेसकॉन-2018 में चार मरीजों की ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी
एनबीटी, लखनऊ:
एसजीपीजीआई ब्रेस्ट कोर्स-2018 एवं ब्रेसकॉन-2018 के वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत शुक्रवार को स्वामी विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई। इस दौरान माइक्रोबेस्कुलर तकनीक का इस्तेमाल कर दो मरीजों की ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की गई। एसजीपीजीआई के प्लास्टिक सर्जन डॉ. अंकुर भटनागर ने बताया कि कार्यशाला में ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही चार मरीजों की ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की गई है, साथ ही तीन मरीजों का ब्रेस्ट ब्यूटीफिकेशन किया गया है।
उन्होंने बताया ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी में माइक्रोवेस्कुलर सर्जरी काफी अच्छी तकनीक मानी जाती है। इस तकनीक में पेट के निचले हिस्से की खाल को लेकर ब्रेस्ट का निर्माण किया जाता है। साथ ही वहां से पतली नसों को लेकर ब्रेस्ट की नसें बनाई जाती हैं, जिससे खून का संचार हो सके। डॉ. अंकुर के मुताबिक इस कार्यशाला की खास बात यह भी रही कि पहली बार एक साथ ब्रेस्ट सर्जन, कैंसर सर्जन और प्लास्टिक सर्जन ने मिलकर ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की है।
इस कार्यशाला में प्लास्टिक सर्जन यूके डॉ. भागवत माथुर, प्रो. जी.डी.एस. कालरा (जयपुर), प्रो. विनयकान्त शंखधर (टाटा कैंसर संस्थान, मुबंई) और प्रो. अनुराग श्रीवास्तव (एम्स, नई दिल्ली) भी शामिल रहे। डॉ. नीरज गर्ग (यू.के.), एन्ड्रियास ग्रावेनिस (ग्रीस), डॉ. प्रदीप गोयल और एसजीपीजीआई, केजीएमयू व अन्य अस्पतालों से आए हुए डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया।