चौक थाने में तैनात दरोगा अखिलेश मिश्रा को आठ साल पहले मिली थी दस वर्षीय बच्ची
पंकज द्विवेदी, लखनऊ : खाकी से यूं तो सभी डरते हैं। हालांकि कभी-कभी खाकी का ऐसा मानवीय रूप सामने आता है जिसे देखकर दिल से सलाम करने का मन करता है। कुछ ऐसा ही कर दिया है चौक थाने में तैनात दरोगा अखिलेश मिश्र ने। आठ साल पहले गुडम्बा थाने में तैनाती के दौरान लावारिस मिली दस वर्षीय बच्ची का सिर्फ बेटी की तरह पालन-पोषण ही नहीं किया बल्कि पिता का पूरा फर्ज निभाते हुए कन्यादान भी किया। जौनपुर में आयोजित शादी समारोह में बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने नवदंपती को आर्शीवाद दिया।
जानकीपुरम निवासी अखिलेश मिश्रा वर्तमान में चौक थाने में बतौर दरोगा तैनात हैं। अखिलेश के अनुसार करीब आठ साल पहले गुडम्बा थाने में तैनाती के दौरान दस वर्षीय बच्ची भटकते हुए मिली थी। मासूम कुछ बता नहीं पा रही थी। काफी प्रयास के बावजूद परिवारीजनों के बारे में कुछ पता न चलने पर अखिलेश बच्ची को अपने घर ले आए। दो बेटियों और दो बेटों के पिता होने के बावजूद बच्ची को अपना लिया। तनु मिश्रा नाम रखा और पालन-पोषण के साथ ही पूरी शिक्षा भी दिलवाई। विवाह योग्य होने पर जौनपुर के देनुबा उसरौली गांव निवासी घनश्याम उपाध्याय के पुत्र पंकज से रिश्ता तय किया। गत 20 अप्रैल को दरोग ने अपने पैतृक गांव तुलापुर में तनु की शादी पूरे रीतिरिवाज से करवाई। तनु के अनुसार परिवार से बिछड़ने के बाद सदमे में थी। हालांकि नए परिवार में इतना प्यार मिला की सारे घाव भर गए। भगवान बनकर आए अखिलेश ने कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। शादी समारोह में पूर्व विधायक बदलापुर ओमप्रकाश दुबे के साथ ही मदन सिंह, राजेश्वर प्रसाद मिश्र, राकेश मिश्रा सहित तमाम लोग शामिल हुए। परिचित व रिश्तेदार भी अखिलेश की प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे।