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'कम कपड़ों से कोई महान बनता तो राखी सावंत गांधीजी से बड़ी हो जाती'.. बयान से विवादों में घिरे यूपी स्पीकर

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित यह कहकर विवादों में घिर गए हैं कि अगर कोई कम कपड़े पहनकर महान बन सकता है, तो बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत भी महात्मा गांधी से भी बड़ी हो जाती।

Edited byराघवेंद्र शुक्ला | आईएएनएस 20 Sep 2021, 4:13 pm
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम हृदय नारायण दीक्षित
हृदय नारायण दीक्षित

उत्तर प्रदेश के विधानसभा स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित अपने एक बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं। रविवार को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ में एक सम्मेलन में कहा कि अगर कोई कम कपड़े पहनकर महान बन सकता तो बॉलिवुड अभिनेत्री राखी सावंत भी महात्मा गांधी से बड़ी हो जातीं। दीक्षित के इस बयान का क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ट्रोल होने के बाद उन्होंने ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई भी पेश की है।

दीक्षित बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की ओर से आयोजित 'प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन' (बुद्धिजीवियों की बैठक) को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी राय में कोई भी किसी भी विषय पर किताब लिखने से बुद्धिजीवी नहीं बना है। अगर ऐसा है तो इतने सालों से मैंने कम से कम 6,000 किताबें पढ़ी हैं। उन्होंने आगे कहा कि गांधीजी कम कपड़े पहनते थे। वह सिर्फ एक 'धोती' लपेटते थे। देश के लोग उन्हें बापू कहते थे। अगर कोई अपने कपड़े उतारकर महान बन सकता है, तो राखी सावंत महात्मा गांधी से बड़ी हो जातीं।

दीक्षित के भाषण का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद उन्होंने सफाई में ट्वीट्स की एक सीरीज डाली। ट्वीट में उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ दोस्त मेरे भाषण के वीडियो की क्लिप को दूसरे अर्थ के साथ दिखा रहे हैं। यह उन्नाव में 'प्रबुद्ध सम्मेलन' में मेरे भाषण का हिस्सा था, जिसमें 'सम्मेलन' के मॉडरेटर ने मुझे यह कहते हुए पेश किया कि मैं एक प्रबुद्ध लेखक हूं।


उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने इस बात को आगे बढ़ाया और कहा कि किताबें लिखने से कोई बुद्धिजीवी नहीं बन सकता। गांधी जी कम कपड़े पहनते थे। वह सिर्फ धोती लपेटते थे। देश उन्हें बापू कहता था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कोई कम कपड़े पहनता है, तो वह महान हो जाता है।
लेखक के बारे में
राघवेंद्र शुक्ला
राघवेंद्र शुक्ल ने लिखने-पढ़ने की अपनी अभिरुचि के चलते पत्रकारिता का रास्ता चुना। नई दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल करने के बाद जुलाई 2017 में जनसत्ता में बतौर ट्रेनी सब एडिटर दाखिला हो गया। वहां के बाद नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की लखनऊ टीम का हिस्सा बन गए। यहां फिलहाल सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के पद पर तैनाती है। देवरिया के रहने वाले हैं और शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री है। साहित्यिक अभिरूचियां हैं। कविता-उपन्यास पढ़ना पसंद है। इतिहास के विषय पर बनी फिल्में देखने में दिलचस्पी है। थोड़ा-बहुत गीत-संगीत की दुनिया से भी वास्ता है।... और पढ़ें

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