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भय, भ्रष्टाचार, भूख और भेदभाव रहित राज्य होता है रामराज्य: वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसा राज्य जिसमें न भय हो, न भूख हो, न भ्रष्टाचार और न भेदभाव हो, वह राम राज्य है। इसीलिए हम राम का आदर करते हैं और उनका नाम लेते हैं।

नवभारत टाइम्स 27 May 2018, 6:02 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम NAIDU
वेंकैया नायडू, सीएम योगी और राज्यपाल।

लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसा राज्य जिसमें न भय हो, न भूख हो, न भ्रष्टाचार और न भेदभाव हो, वह राम राज्य है। इसीलिए हम राम का आदर करते हैं और उनका नाम लेते हैं। सबका साथ-सबका विकास, राम राज्य से ही शुरू हुआ था। बिना सबके विकास के देश का विकास नहीं हो सकता। इसलिए हमें सरकार पर दबाव डालना चाहिए कि वह इस दिशा में आगे बढ़े।

उपराष्ट्रपति शनिवार को पूर्व सांसद लालजी टंडन की किताब 'अनकहा लखनऊ' के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, केंद्र में नरेंद्र मोदी और यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकारें इसी दिशा में आगे बढ़ रही हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, हम भारत माता की जय बोलते हैं। इसका मतलब भारत के 130 करोड़ लोगों की जय से है।

टंडन ने संभाली अटल की विरासत
उपराष्ट्रपति शनिवार को लखनऊ के साइंस कन्वेंशन सेंटर में लालजी टंडन की किताब का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा, लखनऊ अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मभूमि रही है, उन्होंने जोड़ने का काम किया, चाहे वह हाईवे हों, या फिर एयरवे। 23 दलों को साथ लेकर उन्होंने पांच साल सरकार चला कर पॉलिटिक्स कनेक्टिविटी का उदाहरण दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज वह सक्रिय नहीं हैं। नायडू ने कहा, 'लालजी टंडन उनके सहयोगी हैं, किताब लिखकर उन्होंने अटलजी की साहित्यिक विरासत भी संभाल ली। उन्होंने अनकहा लखनऊ किताब को लोक इतिहास की परम्परा से जोड़ा। यह किताब लोक इतिहास का जीवंत उदाहरण है।'

प्रधान महिला का काम पति करता है
वेंकैया ने चुटकी लेते हुए कहा, कुछ लोगों ने हमसे शिकायत की कि महिलाओं के राजनीति में आने से कोई लाभ नहीं। प्रधान महिला होती है, लेकिन काम पंचायत पति करता है। मैंने उन लोगों को समझाया, अभी उन्हें देखने और समझने दो। उनके पति की गति क्या होगी? यह समय बताएगा।

साथ ही उन्होंने कहा, 'हमें अपना इतिहास जानना चाहिए। अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए। मदरलैंड और मदर टंग का अपमान नहीं होना चाहिए।' इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक ने पुस्तक के लिए लालजी टंडन को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'किताब में टंडन जी ने जो देखा, वह लिखा है। वह लखनऊ की मिट्टी में खेले, यहां पार्षद बने और यहीं से विधायक, मंत्री और सांसद रहे हैं। इसलिए लखनऊ के बारे में जो हमें नहीं दिखा, वह उन्होंने देखा और उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अनकहा लखनऊ किताब लिखी।'

वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'लखनऊ के जिन पहलुओं पर हम सब की नजर नहीं गई, उन अनछुए पहलुओं को लालजी टंडन ने अपनी अनकहा लखनऊ में लिखा है।' राज्यपाल की पुस्तक चरैवेति-चरैवेति का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि उसका और अनकहा लखनऊ का रूप एक समान है।

इस मौके पर उनके साथ राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी शिवकुमार, महापौर संयुक्ता भाटिया, पूर्व मेयर दाऊजी गुप्ता और किताब के संपादन विनय जोशी के साथ प्रदेश के कई मंत्री मौजूद थे।

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