लखनऊ
उत्तर प्रदेश में चली सियासी उठापटक के बाद अखिलेश यादव ने सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार में 'ब्राह्मण कार्ड' चला। सरकार के आठवें मंत्रिमंडल विस्तार में अखिलेश ने कुल 10 लोगों को शपथ दिलाई, जिसमें तीन ब्राह्मण चेहरे शामिल थे। अखिलेश मंत्रिमंडल में गायत्री प्रसाद प्रजापति, शंखलाल मांझी, मनोज पांडेय, शिवकांत ओझा, रियाज अहमद, यासिर शाह, अभिषेक मिश्रा, जियादुद्दीन रिजवी, रविदास मेहरोत्रा और नरेंद्र वर्मा को शामिल किया गया है। इसके अलावा खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री पप्पू निषाद को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में समाजवादी पार्टी चीफ मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
समाजवादी पार्टी ने मायावती के ब्राह्मणों के बीच पैठ बढ़ाने की कोशिशों के मद्देनजर इस विस्तार से विधानसभा चुनाव से पहले जातीय संतुलन साधने की कोशिश की। इस विस्तार में ब्राह्मण चेहरों मनोज पांडेय और शिवकांत ओझा को कैबिनेट में शामिल किया गया, जबकि अभिषेक मिश्रा का कद बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट में लाया गया। कांग्रेस और बीएसपी के बाद यह समाजवादी पार्टी की विधानसभा चुनावों के मद्देनजर ब्राह्मणों को अपनी ओर आकर्षित करने की बड़ी रणनीति है।
इनके अलावा जियाउद्दीन रिजवी, रियाज अहमद और यासिर शाह के रूप में तीन मुस्लिम और गायत्री प्रजापति, नरेंद्र वर्मा और शंखलाल मांझी के रूप में तीन ओबीसी चेहरों को शामिल किया गया है। इस विस्तार में खास बात यह है कि कई बर्खास्त मंत्रियों जैसे शिवकांत ओझा, मनोज पांडेय और गायत्री प्रजापति की मंत्रिमंडल में फिर से वापसी हुई। अखिलेश सरकार में पहले भी एक ही व्यक्ति को कई बार मंत्री पद की शपथ दिलवाई जा चुकी है।
इससे पहले, सीएम अखिलेश यादव ने 17 सितंबर को राज्यपाल राम नाईक से मंत्रिमंडल विस्तार का अनुरोध किया था। इसके बाद राजभवन ने शपथग्रहण के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की थी। गौरतलब है कि 12 सितंबर को सीएम अखिलेश यादव ने कड़ी कार्रवाई करते हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह को पद से बर्खास्त कर दिया था। अखिलेश के इस कदम के बाद ही समाजवादी पार्टी में कई दिनों तक घमासान मचा रहा था।
उत्तर प्रदेश में चली सियासी उठापटक के बाद अखिलेश यादव ने सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार में 'ब्राह्मण कार्ड' चला। सरकार के आठवें मंत्रिमंडल विस्तार में अखिलेश ने कुल 10 लोगों को शपथ दिलाई, जिसमें तीन ब्राह्मण चेहरे शामिल थे। अखिलेश मंत्रिमंडल में गायत्री प्रसाद प्रजापति, शंखलाल मांझी, मनोज पांडेय, शिवकांत ओझा, रियाज अहमद, यासिर शाह, अभिषेक मिश्रा, जियादुद्दीन रिजवी, रविदास मेहरोत्रा और नरेंद्र वर्मा को शामिल किया गया है। इसके अलावा खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री पप्पू निषाद को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में समाजवादी पार्टी चीफ मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
समाजवादी पार्टी ने मायावती के ब्राह्मणों के बीच पैठ बढ़ाने की कोशिशों के मद्देनजर इस विस्तार से विधानसभा चुनाव से पहले जातीय संतुलन साधने की कोशिश की। इस विस्तार में ब्राह्मण चेहरों मनोज पांडेय और शिवकांत ओझा को कैबिनेट में शामिल किया गया, जबकि अभिषेक मिश्रा का कद बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट में लाया गया। कांग्रेस और बीएसपी के बाद यह समाजवादी पार्टी की विधानसभा चुनावों के मद्देनजर ब्राह्मणों को अपनी ओर आकर्षित करने की बड़ी रणनीति है।
इनके अलावा जियाउद्दीन रिजवी, रियाज अहमद और यासिर शाह के रूप में तीन मुस्लिम और गायत्री प्रजापति, नरेंद्र वर्मा और शंखलाल मांझी के रूप में तीन ओबीसी चेहरों को शामिल किया गया है। इस विस्तार में खास बात यह है कि कई बर्खास्त मंत्रियों जैसे शिवकांत ओझा, मनोज पांडेय और गायत्री प्रजापति की मंत्रिमंडल में फिर से वापसी हुई। अखिलेश सरकार में पहले भी एक ही व्यक्ति को कई बार मंत्री पद की शपथ दिलवाई जा चुकी है।
इससे पहले, सीएम अखिलेश यादव ने 17 सितंबर को राज्यपाल राम नाईक से मंत्रिमंडल विस्तार का अनुरोध किया था। इसके बाद राजभवन ने शपथग्रहण के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की थी। गौरतलब है कि 12 सितंबर को सीएम अखिलेश यादव ने कड़ी कार्रवाई करते हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह को पद से बर्खास्त कर दिया था। अखिलेश के इस कदम के बाद ही समाजवादी पार्टी में कई दिनों तक घमासान मचा रहा था।