लखनऊ
गोंडा किडनैपिंग केस में कारोबारी के बच्चे को किडनैपिंग के 17 घंटे में बरामद कर लिया गया। इस मामले में जहां पुलिस की वाहवाही हो रही है वहीं कानपुर किडनैपिंग केस को लेकर पुलिस पर चौतरफा वार हो रहे हैं। कानपुर में किडनैपिंग के बाद पीड़ितों ने पुलिस के कहने पर किडनैपर्स को 30 लाख फिरौती भी दे दी और युवक की हत्या भी कर दी गई। इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़े किए हैं। कानपुर किडनैपिंग केस को लेकर अखिलेश सरकार ने योगी सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि गोंडा में पुलिस का काम सराहनीय है लेकि कानपुर में पुलिस को सार्थक कदम उठाने से कौन रोक रहा है?
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बीजेपी से किया अखिलेश ने सवाल
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'गोंडा पुलिस की त्वरित कार्रवाई से अपहृत बच्चे की सकुशल वापसी सराहनीय है। बच्चे के परिवार ने अब जाकर राहत की सांस ली होगी। भाजपा सरकार स्पष्ट करे कि कानपुर में अपहृत युवक की हत्या के बाद उसकी लाश क्यों नहीं मिली। वहां ‘कौन’ पुलिस को सार्थक क़दम उठाने से रोक रहा है?'
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क्या है कानपुर किडनैपिंग केस?
कानपुर में लैब टेक्निशन संजीत यादव का एक महीने पहले किडनैप हुआ था। इस मामले में 23 जून को गुमशुदगी लिखी गई। फिर 26 जून को इस रिपोर्ट को एफआईआर में तब्दील किया गया। वहीं, 29 जून को परिवारवालों को 30 लाख रुपये की फिरौती के लिए कॉल आया। संजीत यादव वापस नहीं लौटे क्योंकि उनकी हत्या 26 या 27 जून को ही कर दी गई थी।
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गोंडा किडनैपिंग केस
गोंडा में एक बीड़ी कारोबारी के बेटे का किडनैप करने के बाद उनसे 4 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। 17 घंटे के अंदर एसटीएफ और पुलिस की टीम ने मिलकर अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
गोंडा किडनैपिंग केस में कारोबारी के बच्चे को किडनैपिंग के 17 घंटे में बरामद कर लिया गया। इस मामले में जहां पुलिस की वाहवाही हो रही है वहीं कानपुर किडनैपिंग केस को लेकर पुलिस पर चौतरफा वार हो रहे हैं। कानपुर में किडनैपिंग के बाद पीड़ितों ने पुलिस के कहने पर किडनैपर्स को 30 लाख फिरौती भी दे दी और युवक की हत्या भी कर दी गई। इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़े किए हैं।
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