लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड बताए कि उसकी फंडिंग कहां से हो रही है। इस बीच अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लखनऊ में आज एआईएमपीएलबी की अहम बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी पहुंचे हैं। मोहसिन रजा ने ट्वीट कर कहा, 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बताए की इस संस्था की फंडिंग कहां से होती है? यह सार्वजनिक करें कि ओवैसी जैसे संस्था के कुछ सदस्य देश का माहौल क्यों खराब करने की कोशिश कर रहे हैं? यदि देश का माहौल ख़राब होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?' उन्होंने कहा कि अगर एआईएमपीएलबी को मीटिंग करनी ही थी तो यह हैदराबाद में कर लेते, दिल्ली में कर लेते, लखनऊ में क्यों कर रहे हैं।
मंत्री रजा ने एक बयान में कहा, 'ऐसे समय में जब सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला आ चुका है और मुस्लिम समाज भी इस फैसले को मंजूर कर चुका है तब उत्तर प्रदेश में इस मीटिंग को करने का क्या औचित्य है? कहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड माहौल खराब तो नहीं करना चाहता है? सबसे जरूरी अब यह हो रहा है कि आखिर इस संस्था के पीछे कौन से लोग हैं? कौन इसे शह दे रहे हैं, उसका पता लगाया जाय। ओवैसी जैसे लोग खुद को बैरिस्टर कहते हैं, विदेश से पढ़ कर आए हैं और वह मुस्लिम भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।'
लखनऊ में आज एआईएमपीएलबी की अहम बैठक
बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लखनऊ में आज एआईएमपीएलबी की अहम बैठक होने जा रही है। खबर है कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्षकार रिव्यू पिटिशन दाखिल कर सकते हैं। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए चार मुस्लिम पक्षकारों ने सहमति दे दी है।इस बैठक में फैसले को लेकर बोर्ड के रुख पर चर्चा होगी। मुस्लिम पक्षकारों ने अयोध्या मामले पर हाल में आए निर्णय के खिलाफ अपील दाखिल किये जाने की इच्छा जताते हुए शनिवार को कहा कि मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के बदले कोई जमीन भी नहीं लेनी चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को इस विवाद में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने बोर्ड की बैठक के बहिष्कार का ऐलान किया था।
पक्षकारों ने बोर्ड महासचिव से राय जाहिर की
पक्षकारों ने एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी से नदवा में मुलाकात के दौरान यह ख्वाहिश जाहिर की। बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने बताया कि मौलाना रहमानी ने रविवार को नदवा में ही होने वाली बोर्ड की वर्किंग कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले से जुड़े विभिन्न मुस्लिम पक्षकारों को राय जानने के लिए बुलाया था। उन्होंने बताया कि मामले के मुद्दई मुहम्मद उमर और मौलाना महफूजुर्रहमान के साथ-साथ अन्य पक्षकारों हाजी महबूब, हाजी असद और हसबुल्ला उर्फ बादशाह ने मौलाना रहमानी से मुलाकात के दौरान कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय समझ से परे है, लिहाजा इसके खिलाफ अपील की जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड बताए कि उसकी फंडिंग कहां से हो रही है। इस बीच अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लखनऊ में आज एआईएमपीएलबी की अहम बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी पहुंचे हैं।
मंत्री रजा ने एक बयान में कहा, 'ऐसे समय में जब सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला आ चुका है और मुस्लिम समाज भी इस फैसले को मंजूर कर चुका है तब उत्तर प्रदेश में इस मीटिंग को करने का क्या औचित्य है? कहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड माहौल खराब तो नहीं करना चाहता है? सबसे जरूरी अब यह हो रहा है कि आखिर इस संस्था के पीछे कौन से लोग हैं? कौन इसे शह दे रहे हैं, उसका पता लगाया जाय। ओवैसी जैसे लोग खुद को बैरिस्टर कहते हैं, विदेश से पढ़ कर आए हैं और वह मुस्लिम भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।'
लखनऊ में आज एआईएमपीएलबी की अहम बैठक
बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लखनऊ में आज एआईएमपीएलबी की अहम बैठक होने जा रही है। खबर है कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्षकार रिव्यू पिटिशन दाखिल कर सकते हैं। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए चार मुस्लिम पक्षकारों ने सहमति दे दी है।इस बैठक में फैसले को लेकर बोर्ड के रुख पर चर्चा होगी। मुस्लिम पक्षकारों ने अयोध्या मामले पर हाल में आए निर्णय के खिलाफ अपील दाखिल किये जाने की इच्छा जताते हुए शनिवार को कहा कि मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के बदले कोई जमीन भी नहीं लेनी चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को इस विवाद में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने बोर्ड की बैठक के बहिष्कार का ऐलान किया था।
पक्षकारों ने बोर्ड महासचिव से राय जाहिर की
पक्षकारों ने एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी से नदवा में मुलाकात के दौरान यह ख्वाहिश जाहिर की। बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने बताया कि मौलाना रहमानी ने रविवार को नदवा में ही होने वाली बोर्ड की वर्किंग कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले से जुड़े विभिन्न मुस्लिम पक्षकारों को राय जानने के लिए बुलाया था। उन्होंने बताया कि मामले के मुद्दई मुहम्मद उमर और मौलाना महफूजुर्रहमान के साथ-साथ अन्य पक्षकारों हाजी महबूब, हाजी असद और हसबुल्ला उर्फ बादशाह ने मौलाना रहमानी से मुलाकात के दौरान कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय समझ से परे है, लिहाजा इसके खिलाफ अपील की जानी चाहिए।