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Uma Bharti News: मुस्लिम जनता जागरूक हो चुकी है, अपने नेताओं के साथ नहीं है, उसके लिए ज्ञानवापी की कोई अहमियत नहीं: उमा भारती

Gyanvapi Masjid News: उमा भारती ने एक चैनल के साथ बातचीत में कहा कि मुसलमान नेताओं के बरगलाने में अब मुस्लिम जनता नहीं आती है। अगर ऐसा होता तो यूपी में बीजेपी की सरकार नहीं बनने पाती। उमा भारती ने मुनव्‍वर राना और असदुद्दीन ओवैसी के बयानों की भी चर्चा की।

Curated byआलोक भदौरिया | नवभारतटाइम्स.कॉम 20 May 2022, 12:09 am

हाइलाइट्स

  • उमा भारती ने कहा, मुस्लिम जनता अब जागरूक हो चुकी है
  • मुस्लिम जनता अब अपने नेताओं की बात नहीं सुन रही है
  • उसके लिए ज्ञानवापी मस्जिद का कोई महत्‍व नहीं है, उसे हिंदुओं को सौंप दे
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लखनऊ: वरिष्‍ठ बीजेपी नेता और मध्‍य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती (uma bharti) का कहना है कि मुस्लिम जनता जागरुक हो चुकी है। उसके लिए ज्ञानवापी (gyanvapi masjid) का कोई महत्‍व नहीं है। अगर ऐसा न होता तो यूपी में बीजेपी सरकार न आती। मुस्लिम जनता खुद अपने नेताओं के कहने में नहीं है।
एक निजी चैनल से बातचीत में उमा भारती ने मुसलमान नेताओं से कहा, 'आप के ही समाज के लोगों ने ही आपका साथ नहीं दिया। आपका साथ दिया होता तो यूपी में बीजेपी की सरकार नहीं बन पाती। ओवैसी तो यूपी में कह कर आए थे कि यूपी में सरकार नहीं बनने दूंगा। एक मशहूर शायर ने भी कहा था कि मैं तो यूपी छोड़कर कहीं और चला जाऊंगा। लेकिन आपके ही लोग आपके कहे में नहीं आए।'
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'मुस्लिम जनता पढ़-लिख गई है'
उमा भारती ने आगे कहा कि, 'मुस्लिम जनता पढ़-लिख गई है। महिलाएं पढ़-लिख गईं हैं ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर कह रही हैं हटना चाहिए। जिस जगह (ज्ञानवापी मस्जिद) के लिए यह बात कर रहे हैं उसका मुसलमानों के लिए कोई महत्‍व ही नहीं है। लेकिन हिंदू के लिए काशी महत्‍वपूर्ण जगह है। करोड़ों लोग प्रतिवर्ष दशर्न करने के लिए जा रहे हैं।'
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'काशी मक्‍का-मदीना नहीं' ज्ञानवापी विवाद पर उमा भारती ने कहा, 'काशी मक्‍का-मदीना नहीं है। यह मुसलमानों की आस्‍था का केंद्र नहीं बल्कि हिंदुओं की आस्‍था का केंद्र है। इनकी आपस में कोई तुलना नहीं है। यहां जबर्दस्‍ती इबादत की जाती है। काशी में पहले से ही मंदिर के प्रमाण हैं। मुस्लिम खुद आगे आकर हिंदुओं को मंदिर सौंप दें। मुस्लिम नेता राजनीति कर रहे हैं।'
लेखक के बारे में
आलोक भदौरिया
आलोक भदौरिया असिस्टेंट न्यूज़ एडिटर हैं। 2008 से टाइम्‍स ग्रुप के सदस्य रहे हैं। पहले नवभारत टाइम्‍स प्रिंट दिल्‍ली में अब एनबीटी ऑन लाइन के साथ लखनऊ में।... और पढ़ें

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