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नोएडा समेत तीनों अथॉरिटी की होगी सीएजी जांच

योगी सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी की जांच सीएजी से कराने का फैसला किया है। अभी तक इसका राज्य आडिट हुआ करता था। सूत्रों का ...

Navbharat Times 13 Jul 2017, 9:00 am

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ, नोएडा: योगी सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी की जांच सीएजी से कराने का फैसला किया है। अभी तक इसका राज्य आडिट हुआ करता था। सूत्रों का कहना है कि सरकार पिछले दस साल के कार्यकाल में नोएडा में हुए घोटालों की जांच सीएजी को सौंप सकती है। सरकार के इस कदम को करप्शन पर सख्ती के तौर पर देखा जा रहा है। अभी तक अथॉरिटी के खातों की जांच लोकल फंड ऑडिट डिपार्टमेंट करता था। सरकार ने तीनों अथॉरिटी के साथ यूपीएसआईडीसी को भी सीएजी जांच के दायरे में लाने का फैसला किया है। अब केंद्र सरकार से जुड़ी एजेंसी अथॉरिटी की जांच करेगी, इससे कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी।

शासन के सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार ने इस फैसले की जानकारी प्रदेश में अकाउंटेंट जनरल विनीता मिश्रा को दी है। इस फैसले में कहा गया है कि यूपी इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट एक्ट 1976 के तहत गठित नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के साथ-साथ यूपीएसआईडीसी के खातों की जांच सीएजी से तात्कालिक प्रभाव से कराए जाने का निर्णय किया गया है। इस बारे में प्रदेश के प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक सिन्हा की तरफ से पत्र 11 जुलाई को विशेष सचिव मोनिका रानी ने जारी किया है।

होता रहा है 'खेल'

लोकल फंड ऑडिट में कई बार राजनीतिक हस्तक्षेप के जरिए कई आपत्तियों का निस्तारण फाइनल रिपोर्ट से पहले कर दिया गया। कई बार ऐसा भी हुआ जब गंभीर आपत्ति को अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले ही हटवा दिया। सीएजी जांच में ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।

ऐसा आदेश शासन से हुआ है, जिसे अभी तक मैंने पढ़ा नहीं है।

अमित मोहन प्रसाद, सीईओ, नोएडा अथॉरिटी

पूर्व सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सभी अथॉरिटीज का कैग द्वारा परीक्षण कराया जाना आवश्यक है।

सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री

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