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जैसे कारसेवा से बाबरी गिराई, वैसे ही बनाएं मंदिर: बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर

उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर ने कहा, 'मोदी सरकार की मंशा है कि कोई बिना छत के ना रहे। प्रभु श्रीराम तिरपाल में हैं, उन्हें ठंड लगती है, बारिश में भीगते हैं, इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास के तहत घर मिलना चाहिए।' राजभर ने विवादित बयान देते हुए यह भी कहा है कि जिस तरह से कारसेवा करके विवादित ढांचे को गिराया गया था, उसी तरह की कारसेवा राम मंदिर निर्माण के लिए भी होनी चाहिए।

नवभारतटाइम्स.कॉम 26 Dec 2018, 2:43 pm

हाइलाइट्स

  • उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर का विवादित बयान
  • जैसे कारसेवा से विवादित ढांचे को गिराया, वैसे ही कारसेवा से हो मंदिर निर्माण: राजभर
  • फैजाबाद के डीएम को पत्र लिखकर करेंगे मांग, रामलला को PMAY के तहत मिले घर: राजभर
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लखनऊ
उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि जिस तरह से कारसेवा करके विवादित ढांचे को गिराया गया था, उसी तरह की कारसेवा राम मंदिर निर्माण के लिए भी होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम तिरपाल में हैं, उन्हें ठंड लगती है, बारिश में भीगते हैं, इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास के तहत घर भी मिलना चाहिए।
बीजेपी सांसद ने बुधवार को कहा, 'लोगों की आस्था का फैसला सरकार या सुप्रीम कोर्ट नहीं कर सकता। राम मंदिर 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था का मामला है, जिस प्रकार कारसेवा से विवादित ढांचे को गिराया गया था, उसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार ना करते हुए कारसेवा के द्वारा मंदिर को बनाना चाहिए।'

श्रीराम को घर के लिए डीएम को खत
उन्होंने यह भी कहा कि वह फैजाबाद के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहेंगे कि रामलला को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार की मंशा है कि कोई बिना छत के ना रहे। प्रभु श्रीराम तिरपाल में हैं, उन्हें ठंड लगती है, बारिश में भीगते हैं, इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास के तहत घर मिलना चाहिए।'

पढ़ें: राम मंदिर निर्माण के लिए हलचल तेज, पत्थरों से भरे 70 ट्रक मंगा रही है वीएचपी

राम मंदिर के लिए केंद्र पर दबाव
आपको बता दें कि केंद्र की बीजेपी सरकार पर लगातार राम मंदिर निर्माण को लेकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी ऐलान किया है कि अयोध्या में कुंभ मेले से पहले अगर राम मंदिर निर्माण पर फैसला नहीं हुआ तो नागा संन्यासी अयोध्या के लिए कूच करेंगे। वहीं दूसरी ओर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते रविवार को कहा था कि सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही अयोध्या में राम मंदिर बनवा सकती है।

इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर मुखर हो रहा है। आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने राम मंदिर पर फैसले में देरी पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को कहा था कि जब सबरीमाला व जलीकट्टू में कोर्ट इतनी जल्दी फैसली सुना सकता है तो रामजन्मभूमि का मामला 70 साल से क्यों विचाराधीन है?

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इस मामले को सीजेआई रंजन गोगोई और जस्टिस एस. के. कौल की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया है। ऐसी संभावना है कि सीजेआई और जस्टिस कौल की बेंच इस मामले में सुनवाई के लिए 3 जजों की बेंच का गठन कर सकती है।

बता दें कि हिंदू संगठन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना सरकार से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने की मांग कर रहे हैं। बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी दोहराया कि उसके लिए सरकार से पहले राम मंदिर का मुद्दा है।

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