लखनऊ
उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों के लिए चल रहे चुनावी घमासान में बीएसपी सुप्रीमो मायावती को बड़ा झटका लगा है। उन्नाव की पुरवा सीट से बीएसपी विधायक अनिल सिंह ने वोटिंग से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि वह महाराजजी (योगी आदित्यनाथ) के साथ हैं। मतदान के लिए जाते वक्त अनिल सिंह ने कहा कि मैं अंतरात्मा की आवाज पर वोट करूंगा। इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव में पहली क्रॉस वोटिंग हुई है। विधानसभवन के बाहर बीएसपी एमएलए अनिल सिंह ने कहा, 'मैंने बीजेपी के लिए वोट किया है बाकी के बारे में मुझे कुछ नहीं पता।' इसके साथ ही साफ हो गया कि बीजेपी, बीएसपी के खेमे में सेंधमारी करने में कामयाब रही।
दूसरी वरीयता के वोटों के भरोसे बीजेपी?
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के 9वें प्रत्याशी की किस्मत अब दूसरी वरीयता के वोटों के ही भरोसे है। पार्टी ने अरुण जेटली, अनिल जैन और एक और प्रत्याशी को 39-39 वोट अलॉट किए हैं। ऐसे में नवें प्रत्याशी के लिये बीजेपी ने 22 प्रथम वरीयता के ही वोट आवंटित किए हैं।
अनिल सिंह के पहले ही बीजेपी के साथ जाने के आसार थे। गुरुवार को बीएसपी की डिनर पार्टी में शामिल होने के बाद वह सीएम योगी आदित्यनाथ की बैठक में पहुंचे थे। इससे पहले बीएसपी की ओर से कुल 17 विधायकों ने शुक्रवार को राज्यसभा की एक सीट के लिए अपने वोट डाले हैं। इन विधायकों में आजमगढ़ की सगड़ी सीट की एमएलए वंदना सिंह का वोट भी शामिल है, जिनके गुरुवार शाम तक बीजेपी के पक्ष में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
बताया जा रहा है कि वंदना सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा के तिलक हॉल में बीएसपी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा की मौजूदगी में पार्टी के अन्य विधायकों के साथ अपना वोट डाला है। पहले यह माना जा रहा था कि वंदना बीजेपी के प्रत्याशी को वोट दे सकती हैं, लेकिन शुक्रवार को हुई वोटिंग के बाद यह आशंकाएं खत्म हो गईं। वहीं बीएसपी के खेमे में किसी सेंधमारी की आशंका में पार्टी अध्यक्ष मायावती खुद इन चुनावों को मॉनिटर कर रही हैं।
कांग्रेस विधायकों ने एक साथ किया मतदान
बताया जा रहा है कि वोटिंग के बाद माया ने बीएसपी विधायक उमाशंकर सिंह को फोन कर मतदान की जानकारी ली है। कांग्रेस पार्टी के भी सात विधायकों ने विधानसभा में हुई वोटिंग में अपना मतदान किया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेसी विधायकों ने एक साथ बीएसपी के प्रत्याशी के समर्थन में वोटिंग की है।
गठबंधन साधने में जुटी एसपी, विधायकों के साथ होने का दावा
विधानसभा में जारी वोटिंग के बीच समाजवादी पार्टी की ओर से पहला वोट पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने डाला है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने राम गोविंद चौधरी समेत कई विपक्षी विधायकों के वोट को बीएसपी के लिए आरक्षित किया है। समाजवादी पार्टी के भी 30 से ज्यादा विधायक अपना वोट डाल चुके हैं।
कहा जा रहा है कि इस फैसले से समाजवादी पार्टी गठबंधन के धर्म को लेकर एक खास संदेश देना चाहते हैं, जिसके लिए वरिष्ठ विधायकों के वोट बीएसपी प्रत्याशी के लिए आवंटित किये गए हैं। वहीं दूसरी ओर विधायकों की निष्ठा पर आश्वसत एसपी महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि एसपी का कोई भी विधायक राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग नहीं करेगा। अगर कॉस वोटिंग की स्थिति बनती है तो बीजेपी के लोग एसपी के लिए वोट करेंगे।
हमारे पास पहली वरीयता के सर्वाधिक मत: बीजेपी
दूसरी ओर एसपी और बीएसपी के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश कर रही बीजेपी ने अपनी जीत के दावे करते हुए गठबंधन पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेंद्रनाथ पांडेय ने वोटिंग के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमारे पास प्रथम वरीयता के सर्वाधिक मत हैं और पार्टी के सभी उम्मीदवार चुनाव जीतने जा रहे हैं।। गठबंधन पर सवालिया निशान उठाते हुए उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी का समझौता गठबंधन नहीं एक बल्कि स्वार्थ बंधन है और जनता इसे जानती है।
उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों के लिए चल रहे चुनावी घमासान में बीएसपी सुप्रीमो मायावती को बड़ा झटका लगा है। उन्नाव की पुरवा सीट से बीएसपी विधायक अनिल सिंह ने वोटिंग से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि वह महाराजजी (योगी आदित्यनाथ) के साथ हैं। मतदान के लिए जाते वक्त अनिल सिंह ने कहा कि मैं अंतरात्मा की आवाज पर वोट करूंगा। इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव में पहली क्रॉस वोटिंग हुई है।
दूसरी वरीयता के वोटों के भरोसे बीजेपी?
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के 9वें प्रत्याशी की किस्मत अब दूसरी वरीयता के वोटों के ही भरोसे है। पार्टी ने अरुण जेटली, अनिल जैन और एक और प्रत्याशी को 39-39 वोट अलॉट किए हैं। ऐसे में नवें प्रत्याशी के लिये बीजेपी ने 22 प्रथम वरीयता के ही वोट आवंटित किए हैं।
अनिल सिंह के पहले ही बीजेपी के साथ जाने के आसार थे। गुरुवार को बीएसपी की डिनर पार्टी में शामिल होने के बाद वह सीएम योगी आदित्यनाथ की बैठक में पहुंचे थे। इससे पहले बीएसपी की ओर से कुल 17 विधायकों ने शुक्रवार को राज्यसभा की एक सीट के लिए अपने वोट डाले हैं। इन विधायकों में आजमगढ़ की सगड़ी सीट की एमएलए वंदना सिंह का वोट भी शामिल है, जिनके गुरुवार शाम तक बीजेपी के पक्ष में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
बताया जा रहा है कि वंदना सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा के तिलक हॉल में बीएसपी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा की मौजूदगी में पार्टी के अन्य विधायकों के साथ अपना वोट डाला है। पहले यह माना जा रहा था कि वंदना बीजेपी के प्रत्याशी को वोट दे सकती हैं, लेकिन शुक्रवार को हुई वोटिंग के बाद यह आशंकाएं खत्म हो गईं। वहीं बीएसपी के खेमे में किसी सेंधमारी की आशंका में पार्टी अध्यक्ष मायावती खुद इन चुनावों को मॉनिटर कर रही हैं।
कांग्रेस विधायकों ने एक साथ किया मतदान
बताया जा रहा है कि वोटिंग के बाद माया ने बीएसपी विधायक उमाशंकर सिंह को फोन कर मतदान की जानकारी ली है। कांग्रेस पार्टी के भी सात विधायकों ने विधानसभा में हुई वोटिंग में अपना मतदान किया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेसी विधायकों ने एक साथ बीएसपी के प्रत्याशी के समर्थन में वोटिंग की है।
गठबंधन साधने में जुटी एसपी, विधायकों के साथ होने का दावा
विधानसभा में जारी वोटिंग के बीच समाजवादी पार्टी की ओर से पहला वोट पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने डाला है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने राम गोविंद चौधरी समेत कई विपक्षी विधायकों के वोट को बीएसपी के लिए आरक्षित किया है। समाजवादी पार्टी के भी 30 से ज्यादा विधायक अपना वोट डाल चुके हैं।
कहा जा रहा है कि इस फैसले से समाजवादी पार्टी गठबंधन के धर्म को लेकर एक खास संदेश देना चाहते हैं, जिसके लिए वरिष्ठ विधायकों के वोट बीएसपी प्रत्याशी के लिए आवंटित किये गए हैं। वहीं दूसरी ओर विधायकों की निष्ठा पर आश्वसत एसपी महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि एसपी का कोई भी विधायक राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग नहीं करेगा। अगर कॉस वोटिंग की स्थिति बनती है तो बीजेपी के लोग एसपी के लिए वोट करेंगे।
हमारे पास पहली वरीयता के सर्वाधिक मत: बीजेपी
दूसरी ओर एसपी और बीएसपी के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश कर रही बीजेपी ने अपनी जीत के दावे करते हुए गठबंधन पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेंद्रनाथ पांडेय ने वोटिंग के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमारे पास प्रथम वरीयता के सर्वाधिक मत हैं और पार्टी के सभी उम्मीदवार चुनाव जीतने जा रहे हैं।। गठबंधन पर सवालिया निशान उठाते हुए उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी का समझौता गठबंधन नहीं एक बल्कि स्वार्थ बंधन है और जनता इसे जानती है।