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बकाएदारों से आसान वसूली के लिए तीन महीने के लिए आएगी ओटीएस

विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषदों में कई आवंटी ऐसे हैं, जिनका इन महकमों पर बकाया है। किन्हीं वजहों से ये आवंटित प्लॉट या मकानों का भुगतान नहीं कर सके और अब उस बकाए से ज्यादा तो ब्याज हो चुका है। ऐसे में यह आवंटी न तो भुगतान कर रहे हैं और न ही इनके भवनों की रजिस्ट्री ही हो पा रही है।

नवभारत टाइम्स 9 Jan 2020, 1:17 pm
लखनऊ
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आवास विकास परिषदों और विकास प्राधिकरणों के बकाएदारों में फंसी रकम को आसानी से वसूलने के लिए आवास विभाग तीन महीने के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू करेगा। बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने ओटीएस-2020 का प्रेजेंटेशन देखा। इसमें तय किया गया है कि पहले तीन महीने में डिफॉल्टरों से आवेदन लिए जाएंगे और फिर अगले तीन महीने में इन आवेदनों के आधार पर निपटारा होगा। प्रेजेंटेशन के बाद सीएम द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर कुछ बदलाव करके यह प्रस्ताव जल्द ही विभाग कैबिनेट ले जाने की तैयारी में है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद यह योजना लागू की जाएगी।

विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषदों में कई आवंटी ऐसे हैं, जिनका इन महकमों पर बकाया है। किन्हीं वजहों से ये आवंटित प्लॉट या मकानों का भुगतान नहीं कर सके और अब उस बकाए से ज्यादा तो ब्याज हो चुका है। ऐसे में यह आवंटी न तो भुगतान कर रहे हैं और न ही इनके भवनों की रजिस्ट्री ही हो पा रही है। इस वजह से विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद की रकम भी फंसी हुई है और तमाम परियोजनाओं के लिए वे पैसा भी नहीं इस्तेमाल कर पा रहे हैं। इन्हीं सब समस्याओं के समाधान के लिए आवास विभाग अब एकमुश्त समाधान योजना ला रहा है। सूत्र बताते हैं कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जब बीते साल सितंबर में ओटीएस का प्लान शासन को मंजूरी के लिए भेजा था, तब लखनऊ में ही करीब पांच हजार आवंटी इस योजना के दायरे में आते पाए गए थे। इसी आकलन के बाद पूरे प्रदेश के लिए सरकार यह योजना लाने जा रही है।

ऑफलाइन मोड में भी लिए जाएंगे आवेदन
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को हो, इसके लिए ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन मोड में भी आवेदन लिए जाएं। सीएम ने कहा कि योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए। जहां आवश्यकता हो अधिकारी इसकी जानकारी लोगों को देने के लिए कैंप लगवाएं। सीएम ने कहा है कि सभी शहरों से ओटीएस योजना के तहत आने वाले डिफॉल्टरों से आंकड़े मंगवाए जाएं। अधिकारी और कर्मचारी लोगों के बीच जाकर इस योजना के बारें में बताएं ताकि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके।

ब्याज में मिलेगी राहत

जिन आवंटियों को डिफॉल्टर माना गया है, उनमें ज्यादातर के बकाए से ज्यादा तो ब्याज हैं। सूत्र बताते हैं कि ऐसे में विभाग डिफॉल्टरों को ब्याज में राहत दे सकता है। आम तौर पर विभाग बकाया पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाता है। ऐसे में कुछ ही समय में मूल बकाया से ज्यादा तो ब्याज ही हो जाता है।

'अधिकारियों की भी तय करें जवाबदेही'
मुख्यमंत्री ने प्रेजेंटेशन देखने के दौरान कहा कि आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों के वे कौन से अधिकारी व कर्मचारी हैं, जिन्होंने डिफॉल्टरों पर कार्रवाई नहीं की? इनकी भी जवाबदेही तय किए जाने की जरूरत है। सीएम ने यहां उपस्थित अधिकारियों से कहा है कि डिफॉल्टरों पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित करने के लिए एक कमिटी बनाई जाए ताकि वे पारदर्शिता से जवाबदेह अधिकारी-कर्मचारी चिह्नित करें।

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