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CAA: यशवंत सिन्हा बोले- अदनान सामी, सोनिया गांधी को दी नागरिकता, नए कानून की क्या जरूरत?

यशवंत सिन्हा ने सवाल दागते हुए कहा कि इसमें धर्म को लाने की क्या जरूरत थी। बता दें कि यशवंत सिन्हा गांधी शांति यात्रा निकाल रहे हैं जो आज लखनऊ पहुंची है। समाजवादी पार्टी (एसपी) कार्यालय में उनका जोरदार स्वागत हुआ।

नवभारतटाइम्स.कॉम 27 Jan 2020, 1:42 pm
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम एसपी कार्यालय में यशवंत सिन्हा
एसपी कार्यालय में यशवंत सिन्हा

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस कानून को लाने की कोई जरूरत नहीं थी। यशवंत सिन्हा ने कहा कि जो कानून पहले से चलन में था उसके तहत सरकार किसी को भी नागरिकता दे सकती थी जैसे अदनान सामी को दिया और फिर पद्मश्री अवॉर्ड भी। यशवंत सिन्हा ने सवाल दागते हुए कहा कि इसमें धर्म को लाने की क्या जरूरत थी। बता दें कि यशवंत सिन्हा गांधी शांति यात्रा निकाल रहे हैं जो आज लखनऊ पहुंची है। समाजवादी पार्टी (एसपी) कार्यालय में उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान उनके साथ एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा भी मौजूद रहे।

समाजवादी पार्टी (एसपी) कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लाने की जरूरत ही नहीं थी क्योंकि पहले से जो कानून है उसके तहत यह प्रावधान है कि सरकार जिसे चाहे नागरिकता दे सकती है। उन्होंने आगे कहा, जैसे उन्होंने पहले अदनान सामी को पहले नागरिकता दी और फिर पद्म अवॉर्ड दे दिया। सरकार जिसको चाहे उसको दे सकती है नागरिकता, जैसे अदनान सामी को दिया, सोनिया गांधी को दिया, पिछले पांच साल में हजारों लोगों को सरकार नागरिकता दे चुकी है। इसमें धर्म को लाने की क्या जरूरत थी?'

'सरकार का एटिट्यूड दमनकारी, स्थिति बहुत खराब'
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'सरकार के कदम की वजह से देश मे अशांति है, कोलाहल है। इसकी वजह एनआरसी और सीएए है। सरकार का काम भय दूर करना होता है। बीजेपी की सरकार में अशांति है सरकार दमनकारी नीति के तहत कार्य कह रही है। सरकार का एटिट्यूड यदि दमनकारी बन जाए तो समझिए स्थित बहुत खराब है।'

'महिलाओं के कंबल और रजाई छीनना आतंकवाद'
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'सरकार का काम है जो वाकई मुद्दे हैं उससे ध्यान भटकाओ, समाज को आपस में उलझा दो, आपस में ही उलझकर रह जाएं। शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं तो उनके कंबल और रजाई उठाकर ले गए। यह एक तरह का टेररिज्म है इसलिए देश में शांति की जरूरत है। ऊपर से सीएम की भाषा निंदनीय है।'

'अमित शाह को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती'
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'देश में जो माहौल है उसके लिए यह यात्रा निकाली जा रही है, जो 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन समाप्त होगी।' यशवंत सिन्हा ने कहा, 'इसी शहर में गृह मंत्री ने बोला था कि हम एक इंच नही हटेंगे, क्या गृहमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए? ऐसा बयान उनके मुंह से शोभा नही देता है।'

'नियम बने नहीं कैसे लागू होगा कानून'
बता दें कि गांधी शांति यात्रा 9 जनवरी से मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई जो रविवार को इटावा पहुंची थी। सोमवार सुबह यह यात्रा लखनऊ पहुंची है। यशवंत सिन्हा ने कहा, सीएए देश के संविधान के खिलाफ ही नहीं देश के मौलिक ढांचे के खिलाफ है। यशवंत सिन्हा ने कहा, 'इस कानून के अभी तक नियम ही नहीं बने हैं इसलिए इसे लागू नहीं किया जा सकता है।'

'कानून लागू नहीं हुआ, पीलीभीत के कलेक्टर ने तैयार कर ली लिस्ट'

यशवंत सिन्हा ने कहा, 'पीलीभीत के कलेक्टर ने तो 37 हजार लोगों की पहले से ही पहचान कर ली है जिन्हें नागरिकता देनी है। कानून अभी लागू नहीं हुआ। नागरिकता किसी एक को मिलेगी न, न कि पूरे सोसायटी को। उसके लिए पहले अप्लाइ भी तो करना होगा। नागरिकता देने ने के लिए यूपी के लिए जिले-जिले में पहचान कर ली है जिन्हें देना है। अजीब परिस्थिति बन गई है। समाज को धर्म के आधार पर बांटने की तैयारी हो रही है।'

'देश को भटका रही मोदी-शाह की जोड़ी'
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'असम समझौते में कहीं भी धर्म को आधार नहीं बनाया गया है और आप संसद में खुलेआम कह रहे हैं कि पहले सीएए आएगा फिर एनआरसी। आंदोलन का प्रेशर पड़ा तो पीएम मोदी पूछने लगे कि एनआरसी क्या है, डिटेंशन सेंटर नहीं है। भटकाने का काम कर रही है ये जोड़ीदार।'

'आंदोलन से झुकती है सरकार'
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'देश में बहुत आंदोलन हुए है, आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा है। 56 इंच वाली सरकार भी झुकती है, इस बार भी झुकेगी। नौजवानों ने मोर्चा संभाला, फिर महिलाएं संभाल रही हैं। महिलाएं घर का चूल्हा छोड़कर प्रदर्शन कर रही है। यह विडंबना है।'

यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब 2014 में सरकार बनी थी तो कहा था-टीम इंडिया, इसमें सारे राज्यों के सीएम को शामिल किया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'कहां है वह टीम इंडिया। आज समझ नहीं आ रहा है कि राज्यों के गवर्नर संवैधानिक प्रमुख की तरह व्यवहार कर रहे हैं या पार्टी एजेंट की तरह?'

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