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ऐक्टर सचिन का BMW विवाद हाी कोर्ट में खत्म हुआ

बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऐक्टर सचिन पिलगांवकर को 34 लाख रुपये की सब्सिडी वाली दर पर बीएमडब्ल्यू लक्जरी कार बेचकर उन्हें कथित रूप से नुकसान पहुंचाने वाली एक महिला कार डीलर के खिलाफ दर्ज एफआईआर खारिज कर दी है। इस एफआईआर के खारिज हो जाने के बाद सचिन को पिछले हफ्ते यह धनराशि वापस मिली।

नवभारत टाइम्स 21 Jun 2016, 8:30 am

मुंबई

नवभारतटाइम्स.कॉम actor sachin settles case of bmv car with dealer in hc
ऐक्टर सचिन का BMW विवाद हाी कोर्ट में खत्म हुआ

बॉम्बे हाई कोर्ट ने ऐक्टर सचिन पिलगांवकर को 34 लाख रुपये की सब्सिडी वाली दर पर बीएमडब्ल्यू लक्जरी कार बेचकर उन्हें कथित रूप से नुकसान पहुंचाने वाली एक महिला कार डीलर के खिलाफ दर्ज एफआईआर खारिज कर दी है। सचिन के वकील स्वप्न कोडे ने सोमवार को बताया कि हाल ही में इस एफआईआर के खारिज हो जाने के बाद सचिन को पिछले हफ्ते यह धनराशि वापस मिली।

कोडे ने बताया कि सचिन और कार डीलर इस मामले को निरस्त कराने पर सहमत हुए तथा डीलर ने अदालत में 34 लाख रुपये जमा किए। यह धनाराशि कुछ दिनों बाद अभिनेता को लौटा दी गई। पिलगांवकर की मुलाकात पिछले दिनों पुणे के पास पंचगनी हिल स्टेशन में एक खेलकूद समारोह के दौरान अनाघा बोरिकर से हुई थी और उसने खुद को कार डीलर बताया था। साथ ही उसने अपनी कार को रियायती दर पर बेचने की बात कही थी।

सचिन ने नवंबर, 2015 में बोरिकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। अनाधा ने 34 लाख रुपये की रियायती दर पर उन्हें बीएमडब्ल्यू कार बेचने की पेशकश की थी जिसकी असली कीमत 54 लाख रुपये थी। सचिन ने इस महिला को 34 लाख रुपये दे दिए और उन्होंने उनके पास यह कार भेज दी। लेकिन जिस शो रूम से यह कार भेजी गयी थी, उसने यह कहते हुए कार वापस ले ली कि यह कार बोरिकर के पास टेस्ट ड्राइव के लिए भेजी गई थी और उसे उनसे अब तक पूरे पैसे नहीं मिले हैं।

सचिन ने उसके बाद बोरिकर को कई बार फोन करके जानना चाहा कि उसकी कार का क्या हुआ, लेकिन बोरिकर ने फोन उठाया ही नहीं। इस पर सचिन ने वर्सोवा पुलिस स्टेशन में बोरिकर के विरुद्ध शिकायत दर्ज करा दी। बाद में मालूम हुआ कि उनके विरुद्ध अनेक शिकायतें हैं और वह रियायती दर पर कार बेचने के बहाने लोगों को लूटती रहती हैं।

बोरिकर ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत का आवेदन किया जो नामंजूर हो गई। इसके बाद वह हाई कोर्ट गई जहां कोर्ट ने मामला स्वयं ही निपटाने का निर्देश दिया।

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