मुंबई
अनजान लोगों की बात पर भरोसा कर निजी या बैंकिंग लेन-देन से संबंधित जानकारी शेयर करना खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने से कम नहीं है। खासतौर से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) साझा करना। इसका ताजा उदाहरण मुंबई के बोरीवली में देखने को मिला है, जहां 28 वर्षीय कर्मचारी की गलती से उसके मालिक को 22 लाख रुपये की चपत लग गई। पुलिस के अनुसार, गुरुवार को एक निजी फर्म में कार्यरत एक कर्मचारी, जो इसका वित्तीय लेनदेन देखते हैं, को एक अनजान व्यक्ति का कॉल आया। वह साइबर क्रिमिनल था। उसने इस कर्मचारी को बताया कि आपके मालिक के बैंक खाते को अपडेट करना है। इसके लिए उन्हें ओटीपी और कुछ अन्य बेसिक जानकारियां चाहिए।
...फिर बंद कर लिया अपना फोन
पुलिस के अनुसार, उस कर्मचारी ने अज्ञात कॉलर को उस बैंक का असली कर्मचारी समझ लिया, जिस बैंक में उसके मालिक का अकाउंट है। कर्मचारी ने अपने एक वरिष्ठ कर्मचारी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आया ओटीपी अज्ञात कॉलर को बता दिया।
ओटीपी मिलने के बाद साइबर क्रिमिनल ने कर्मचारी से कहा कि वह कुछ देर बाद अपने मालिक के बैंक खाते को चेक कर लें। इसके बाद शातिर अपराधी ने अपना फोन बंद कर दिया। कर्मचारी को ऑनलाइन ठगी का अहसास हुआ और उसने बोरीवली पुलिस में शिकायत की।
'अपनी बैंकिंग जानकारी साझा न करें'
जोन-11 के डीसीपी विशाल ठाकुर ने बताया कि पीड़ित कर्मचारी के बयान के आधार पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी ऐक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। घटना की जांच की जा रही है। लोगों से अपील है कि वे किसी अनजान व्यक्ति से अपनी बैंकिंग या निजी जानकारी साझा न करें।
अनजान लोगों की बात पर भरोसा कर निजी या बैंकिंग लेन-देन से संबंधित जानकारी शेयर करना खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने से कम नहीं है। खासतौर से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) साझा करना। इसका ताजा उदाहरण मुंबई के बोरीवली में देखने को मिला है, जहां 28 वर्षीय कर्मचारी की गलती से उसके मालिक को 22 लाख रुपये की चपत लग गई।
...फिर बंद कर लिया अपना फोन
पुलिस के अनुसार, उस कर्मचारी ने अज्ञात कॉलर को उस बैंक का असली कर्मचारी समझ लिया, जिस बैंक में उसके मालिक का अकाउंट है। कर्मचारी ने अपने एक वरिष्ठ कर्मचारी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आया ओटीपी अज्ञात कॉलर को बता दिया।
ओटीपी मिलने के बाद साइबर क्रिमिनल ने कर्मचारी से कहा कि वह कुछ देर बाद अपने मालिक के बैंक खाते को चेक कर लें। इसके बाद शातिर अपराधी ने अपना फोन बंद कर दिया। कर्मचारी को ऑनलाइन ठगी का अहसास हुआ और उसने बोरीवली पुलिस में शिकायत की।
'अपनी बैंकिंग जानकारी साझा न करें'
जोन-11 के डीसीपी विशाल ठाकुर ने बताया कि पीड़ित कर्मचारी के बयान के आधार पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी ऐक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। घटना की जांच की जा रही है। लोगों से अपील है कि वे किसी अनजान व्यक्ति से अपनी बैंकिंग या निजी जानकारी साझा न करें।