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कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं मनोज प्रधान

करीब सवा तीन करोड़ रुपये के गबन करने के एक मामले में तीर्थ क्षेत्र वज्रेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष मनोज प्रधान की अग्रिम जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके कारण मनोज प्रधान अब कभी भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं।

Navbharat Times 19 Oct 2019, 4:39 am
भिवंडी
नवभारतटाइम्स.कॉम arrest-gfx

करीब सवा तीन करोड़ रुपये के गबन करने के एक मामले में तीर्थ क्षेत्र वज्रेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष मनोज प्रधान की अग्रिम जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके कारण मनोज प्रधान अब कभी भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं। बता दें कि भिवंडी के वज्रेश्वरी देवी मंदिर के संस्थापक व पूर्व अध्यक्ष मनोज प्रधान पर 3 करोड़, 22 लाख, 85 हजार, 658 रुपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप है।

भ्रष्टाचार का यह मामला संस्थान के अध्यक्ष कल्पेश पाटील ने उजागर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष मनोज प्रधान ने मुलुंड स्थित कॉर्पोरेशन बैंक में फिक्स डिपॉजिट करने के बजाय रकम अपने निजी फायदे के लिए उपयोग कर ली थी और उसकी फर्जी रसीद बनाकर संस्थान के कार्यालय में जमा कर दी थी। इसके लिये गणेशपुरी पुलिस स्टेशन एवं ठाणे आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज कराया गया था।

बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार के इस मामले में राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस मनोज प्रधान के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं कर रही थी, जिसको लेकर वज्रेश्वरी के लोगों एवं आसपास के भक्तों ने आंदोलन भी किया था। इसके बाद गणेशपुरी पुलिस एवं ठाणे आर्थिक अपराध शाखा की पुलिस ने उनके विरुद्ध मंदिर संस्थान के अध्यक्ष कल्पेश पाटील की लिखित शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।

गिरफ्तारी से बचने के लिए मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष मनोज प्रधान ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थाी। जिला न्यायालय द्वारा उनकी जमानत मंजूर कर ली गई थी। इसके विरोध में कल्पेश पाटील ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने संस्थान के पूर्व अध्यक्ष मनोज प्रधान की जमानत को खारिज करते हुए उन्हें हाजिर होने का आदेश दिया था। इसको लेकर उन्होंने उच्चतम न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। अब उच्चतम न्यायालय ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। जमानत याचिका खारिज होने के कारण मनोज प्रधान को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।

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